सुखी मेरा परिवार है
ये तेरा उपकार है
मेरे घर का एक एक पत्थर
तेरा कर्जदार है।।
देख गरीबी घबराए हम
रहते थे परेशान जी
किस्मत हमको लेके गई थी
फिर मैया के धाम जी
नजर पड़ी मेरी मैया की
भरा पड़ा भंडार है
मेरे घर का एक एक पत्थर
तेरा कर्जदार है।।
दबी पड़ी है झोपडी
मैया के एहसान से
भरी पड़ी है कुटिया मेरी
बस माँ के सामान से
जब भी माँगा मैया से
किया नही इंकार है
मेरे घर का एक एक पत्थर
तेरा कर्जदार है।।
जब जब संकट आता है
माँ के आगे रोते है
हम तो इसके भरोसे जी
खुटी तान के सोते है
हर पल करती रखवाली
ये बनके पहरेदार है
मेरे घर का एक एक पत्थर
तेरा कर्जदार है।।
मैया जी का दिल देखा
दिल की बड़ी दिलदार है
इस परिवार को ये समझे
खुद का ही परिवार है
जान से ज्यादा ‘बनवारी’
हमसे करती प्यार है
मेरे घर का एक एक पत्थर
तेरा कर्जदार है।।
सुखी मेरा परिवार है
ये तेरा उपकार है
मेरे घर का एक एक पत्थर
तेरा कर्जदार है।।
गायक – Saurabh Madhukar
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