टोली भक्तन की देखो रे सालासर चली
लाल ध्वज बजरंगी की हत्था में थाली।।
जाके बजरंगी बाला रात जगावेंगे
क्या स्वमणी का बजरंगी के रोट चढ़वांगे।।
मुँह मंगा वर पवंगा न आवेंगे खली
लाल ध्वज बजरंगी की हत्था में थाली।।
कश्त नष्ट हो जाते जिसके डार पे जाने से
मनोकामना पूर्णा होवे ज्योत जगाने।।
भक्तो का मन मोहे रे सिंदूर की लाली
लाल ध्वज बजरंगी की हत्था में थाली।।
चैत सुदी पूनम का मेला लागे से भारी
दूर से दूर दर्शन करने आवे नर नारी।।
राजपाल लक्खा की कोई बात नहीं ताली
लाल ध्वज बजरंगी की हत्था में थाली।।
टोली भक्तन की देखो रे सालासर चली
लाल ध्वज बजरंगी की हत्था में थाली।।
- एक कमरा कमरे में मंदिर मंदिर में हनुमान प्रभु मुझे ऐसा घर दो
- कोई तन्ने कहता राम पुजारी कोई कहे शिव शंकर अवतारी
- बड़ी किस्मत वाले फूल है ये जो बाला जी को सजाते है
- राम दूत बलवंता भाजो मन हनुमंता
- हनुमान बड़े हैं प्यारे
- बजरंग बलि भक्ति की बगिया में खिलती कली कली
- जय हो पवन कुमार तोरी शक्ति है अपार
- हे संकट मोचन करते है वंदन
- बजरंगी की पूजा से सब काम होता है
Toli Bhaktan Ki Dekho Re Salasar chali
Laal Dwaja Bajrnagi Ki Hatha Mein Thali
Jaake Bajrangi Bala Raat Jagavenge
Are Swamani Ka Bajrnagi Ke Rot Chadavange
Muh Manga Var Pavanga Na Aaveange Khali
Laal Dwaja Bajrnagi Ki Hatha Mein Thali
Kasht Nasht Ho Jaate Jiske Dar Pe Jaane Se
Manokamna Poorna Hove Jyot Jagane
Bhakto Ka Man Mohe Re Sindoor Ki Laali
Laal Dwaja Bajrnagi Ki Hatha Mein Thali
Chait Sudi Poonam Ka Mela Laage Se Bhari
Door Se Door Darshan Karne Aave Nar Naari
Rajpal Lakkha Ki Koi Baat Nahi Taali
Laal Dwaja Bajrnagi Ki Hatha Mein Thali
Toli Bhaktan Ki Dekho Re Salasar chali
Laal Dwaja Bajrnagi Ki Hatha Mein Thali