बाबा जेब मेरी है खाली मैं कैसे दर तेरे आऊं

बाबा जेब मेरी है खाली मैं कैसे दर तेरे आऊं,
पढ़ा-लिखा मैं हुआ निकम्मा भाग ना मेरे साथ,
इतनी बाबा ढूंढी नौकरी कहीं ना बनती बात,
दर-दर की मैंने ठोकर खाई क्या-क्या गिनबाऊं,
बाबा जेब मेरी है खाली मैं कैसे दर तेरे आऊं।।

छोटा-मोटा काम मिले में लगा रहूं दिन-रात,
मिले अठन्नी खर्चा रुपैया बहुत बुरे हालात,
घरवालों की दुखी आत्मा कैसे समझाऊं,
बाबा जेब मेरी है खाली मैं कैसे दर तेरे आऊं।।

तेरे नाम का लिया सहारा ओ प्यारे हनुमान,
कर्जा से मोह बाहर निकालो ना भूलु एहसान,
24 घंटे बालाजी मैं गुण तेरे गांऊ,
बाबा जेब मेरी है खाली मैं कैसे दर तेरे आऊं।।

मुझे दुखिया पै करके दया तू मेरा जगा दे भाग,
एक भगत यू कह रहा बाबा सुन ले मेरी फरियाद,
काम करा दे महाबली तेरी सवामणी लाऊं,
बाबा जेब मेरी है खाली मैं कैसे दर तेरे आऊं।।

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