बालाजी की शरण तू आजा हर दम मौज उड़ाएगा

बालाजी की शरण तू आजा हर दम मौज उड़ाएगा,
राम नाम का का जाप तू करके झूम झूम कर गायेगा,
महिमा मेरे बाबा की क्या रे तू सबको बतलायेगा,
बालाजी की शरण तू आजा।।

हेंदीपुर दरबार निराला ऐसा तो दरबार नहीं,
लाखो भगतो को है देखा हमने होते वहां पे सही,
होगी दूर तेरी भी बाधा दर इनके तू जो जायेगा,
बालाजी की शरण तू आजा हर दम मौज उड़ाएगा,
महिमा मेरे बाबा की क्या रे तू सबको बतलायेगा,
बालाजी की शरण तू आजा।।

राम नाम का सुमिरन कर ले बनते सदा सहाई है,
राम प्रभु की भक्ति प्यारे सदा ही इनको भाई है,
भक्तो के है कस्ट मिटाता जो भी धोक लगाएगा,
बालाजी की शरण तू आजा हर दम मौज उड़ाएगा,
महिमा मेरे बाबा की क्या रे तू सबको बतलायेगा,
बालाजी की शरण तू आजा ।।

दीन दुखी दरवाजे आते सबकी बाबा सुनते है,
सच्चे मन से दर जो जाता उसको गले लगाते है,
निश्चिंत होकर भक्ति करे जा भव से तू तर जाएगा,
बालाजी की शरण तू आजा हर दम मौज उड़ाएगा,
महिमा मेरे बाबा की क्या रे तू सबको बतलायेगा,
बालाजी की शरण तू आजा।।

बालाजी के मस्त दीवाने मस्ती में इनकी रहते है,
चाहे पीड़ा कितनी बड़ी हो बाबा से ही कहते है,
संजय निर्गुण दर पर तेरे जीवन भर प्रभु आएगा,
बालाजी की शरण तू आजा हर दम मौज उड़ाएगा,
महिमा मेरे बाबा की क्या रे तू सबको बतलायेगा,
बालाजी की शरण तू आजा हर दम मौज उड़ाएगा,
राम नाम का का जाप तू करके झूम झूम कर गायेगा,
महिमा मेरे बाबा की क्या रे तू सबको बतलायेगा,
बालाजी की शरण तू आजा।।

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