संकट की दे नाड तोड़
किल्की पे किल्की घेर के
बालाजी लावे घर के
मां काली पीट घेर के।।
गायक – नरेंद्र कौशिक
संकट की दे नार तोड़
किल्की पे किल्की घेर के
बालाजी लावे घर के
मां काली पीट घेर के।।
संकट की नाड़ी मरोड़ से
फिर घर घर के फोडे से।।
चलन जोगा छोटे से
सर के बाल पखेर के।।
बालाजी लावे घर के
मां काली पीट घेर के।।
ठाणे में होवे खिचाई से
ये दोनो करे पितायी से
ये दोनो करे पितायी से।।
होती गति समय से
जब हद हार लेते हैं।।
बालाजी लावे घर के
मां काली पीट घेर के।।
एक राजी हो गन गण ते
दूजी चले संसार ते।।
आख भोग के लाते
भूत ने लावे घेर के।।
बालाजी लावे घर के
मां काली पीट घेर के।।
अशोक भगत बाद भागी से
तो दास भगत भी राजी से।।
मेरे सुख दुख के साथी से
आजी सोवे ना मुह फेर के।।
बालाजी लावे घर के
मां काली पीट घेर के।।
संकट की दे नाद तोड़
किल्की पे किल्की घेर के
बालाजी लावे घर के
मां काली पीट घेर के।।
- म्हाने दर्शन दे दे हनुमान बहुत दुख पा लिया
- बाबो छोड़ सालसर धाम आ बैठो रे पैदालिया कने
- भजन पवन सूत का कीजिये नाम अमृत का प्याला पीजिये
- जहां राम गुण गया जाएगा हनुमान को मनाया जाएगा
- बालाजी घुमावे सोटा अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता
- मोतियो की है ये माला मेरे काम की नही है
Singer – Narender Kaushik
Sankat Ki De Naad Tod
Kilki Pe Kilki Gher Ke
Balaji Laave Gher Ke
Maa Kaali Peete Gher Ke
Sankat Ki De Naar Tod
Kilki Pe Kilki Gher Ke
Balaji Laave Gher Ke
Maa Kaali Peete Gher Ke
Sankat Ki Naadi Marode Se
Fir Gher Gher Ke Fode Se
Chalan Joga Chhote Se
Sir Ke Baal Pakher Ke
Balaji Laave Gher Ke
Maa Kaali Peete Gher Ke
Thane Mein Hove Khichai Se
Ye Dono Kare Pitayi Se
Ye Dono Kare Pitayi Se
Hoti Gati Samayi Se
Jab Had Haar Lete Hai
Balaji Laave Gher Ke
Maa Kaali Peete Gher Ke
Ek Raji Ho Gun Gaan Te
Dooji Chaale Samsaan Te
Aakh Bhog Ke Laante
Bhoota Ne Laave Gher Ke
Balaji Laave Gher Ke
Maa Kaali Peete Gher Ke
Ashok Bhagat Bad Bhaagi Se
So Das Bhagat Bhi Raaji Se
Mere Sukh Dukh Ke Sathi Se
Aeji Sove Naa Muh Fer Ke
Balaji Laave Gher Ke
Maa Kaali Peete Gher Ke
Sankat Ki De Naad Tod
Kilki Pe Kilki Gher Ke
Balaji Laave Gher Ke
Maa Kaali Peete Gher Ke