ये है राम का दीवाना सिया राम का दीवाना भजन लिरिक्स

लाल लंगोटो हाथ में सोटो बजरंगी नखराले,
लाल है यो तो अंजनी मां का ठुमक ठुमक कर चाले,
ये है राम का दीवाना सिया राम का दीवाना।।

कभी ना ये घबराता है दुष्टों को मार भगाता है,
सूर्य को भी इसने अपने मुख में छुपाया है,
बहुत बड़ा बलधारी है मां का आज्ञाकारी है,
मां ने कहा वो पल में करके दिखाया है,
बड़ा है निराला मतवाला सबको प्यारा है ये अंजनी लाला,
शीश मुकुट मुखड़े पे लाली कान में कुंडल डालें,
लाल है यो तो अंजनी मां का ठुमक ठुमक कर चाले,
ये है राम का दीवाना सिया राम का दीवाना।।

इन्हें क्रोध जब आता है कोई नहीं टिक पाता है,
लखन लाल के प्राणों को इसी ने बचाया है,
अहिरावण जब आया था, राम लखन को छुड़ाया था,
ऐसी मार मारी यमलोक में पहुंचाया था,
सागर लांग जाना बूटी लाना कांधे राम लखन बिठाना,
शंकर सुवन केसरी नंदन करते खेल निराले,
लाल है यो तो अंजनी मां का ठुमक ठुमक कर चाले,
ये है राम का दीवाना सिया राम का दीवाना।।

प्रभु प्रेम की माया है तन सिंदूर लगाया है,
धर मन में धीरज जब से सभा बीच आए हैं,
हंसे सभा में अज्ञानी, राम ने लीला पहचानी,
सिंदूरी चोले का फिर वरदान पाए हैं,
कैसी इनकी की माया लंकापति भी इसको समझ ना पाया,
कहे श्वेता रावण की फिर से अकल में पड़ गए ताले,
लाल है यो तो अंजनी मां का ठुमक ठुमक कर चाले,
ये है राम का दीवाना सिया राम का दीवाना।।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version