संकट कटे है मेरे बालाजी तेरे दर पे
तू है बड़ा दयालु सुन ली मेरी कहानी
किसी ने जानी मेरी इक तूने मेरी जानी
तुझे कैसे मैं बुला दू ओह घाटे वाले दानी
संकट कटे है मेरे बालाजी तेरे दर पे।।
मैंने जो भी माँगा तुझसे तूने मुझे दिया है
रंक से बनाया राजा उपकार क्या किया है
बदला मेरा नसीबा झूमे मेरा जिया है
संकट कटे है मेरे बालाजी तेरे दर पे।।
भव से निकाला मुझको मेरा हाथ तूने थामा,
दे कर के ज्ञान मुझको बदला है मन का यामा
जब तक जीये गा तेरा गुणगायेगा ये धामा
संकट कटे है मेरे बालाजी तेरे दर पे।।