सिया राम जी के चरणों के दास बालाजी

तेरा सालासर दरबार
सिया राम जी के चरणों के दास बालाजी
सिया राम जी के चरणों के दास बालाजी
भक्तो के हर दम रहते पास बालाजी
तेरा सालासर दरबार तेरा प्यारा ये श्रृंगार
दर पे आना बार बार मन्ने अच्छा लागे से।।

सिया राम जी के चरणों के दास बालाजी
सिया राम जी के चरणों के दास बालाजी
भक्तो के हर पल रहते पास बालाजी
तेरा सालासर दरबार तेरा प्यारा ये श्रृंगार
आना बार बार मन्ने अच्छा लागे से।।

अपनों ने मारी मेरे चोट बालाजी
अपनों ने मारी मेरे चोट बालाजी
घर में बनाया तेरा रोट बालाजी
प्रेम से लगाया मैंने भोग बालाजी
दिल से जगाई तेरी ज्योत बालाजी।।

जबसे डाला लॉकेट मेरी भर गयी है पॉकेट
जबसे डाला लॉकेट मेरी भर गयी है पॉकेट
तेरी कृपा से मौज मैंने अच्छा लागे से।।

तूने भरदी म्हारी गोद तेरे दर पे आना रोज
तूने भरदी म्हारी गोद तेरे दर पे आना रोज
तेरी कृपा से मौज मैंने अच्छा लागे से।।

तूने भरदी म्हारी गोद तेरे दर पे आना रोज
तूने भरदी म्हारी गोद तेरे दर पे आना रोज
सालासर पे आना रोज मन्ने अच्छा लागे से।।
तेरी कृपा से मौज मैंने अच्छा लागे से।।

इतना तो हुआ मजबूर बालाजी
चरणों से हो गया था दूर बालाजी
तेरे चरणों से हो गया था दूर बालाजी
भक्ति का चढ़ गया सुरूर बालाजी
भक्ति का चढ़ गया सुरूर बालाजी ।।

तेरा सालासर दरबार तेरा ये श्रृंगार
तेरे दर का ये आशीर्वाद
सालासर पे आना बार बार मन्ने अच्छा लागे से।।
तेरी कृपा से मौज मन्ने अच्छा लागे से।।

तेरे ऊंचे ऊंचे देखु जो निशान बालाजी
दिल में जगे से अरमान बालाजी
तेरी भक्ति से बड़ी मेरी शान बालाजी
देख दुनिया बड़ी परेशान बालाजी।।

नरसी डरता तेरा धान अटकी तेरे में ही जान
मित्तल करता तेरा गुन गान
मैंने अच्छा लागे से
सालासर पे आना बार बार मन्ने अच्छा लागे से।।
तेरी कृपा से मौज मैंने अच्छा लागे से।।

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