सुनी उड़े बात नई कीर्तन में।।
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में।।
बाबा का दरबार लगा था
देसी घी का दिया जला था
सबने महक लायी री कीर्तन में
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में।।
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में।।
जय बजरंग की सारे बोले
देख सवारका नार ना बोले
जय जय गूँज रही कीर्तन में
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में।।
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में।।
जब उन्हें अर्जी लगावैं लागे
अपना रोग लगावैं लागे
बाबा को दी अर्जी अपन ने
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में।।
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में।।
- बालाजी को लाड लडावे माता अंजनी
- हे माँ अंजनी के लाल शरण तेरी आया मैं
- जय बजरंगबली आप के होते भक्तों की हर मुश्किल है टली
- कर दो कृपा हे अंजनी के लाला
- राम दुलारे हनुमत प्यारे मन की ज्योत जगाते है
- मैं तो एक ज़रिया हू कर्ता धर्ता है श्री रामजी
- लंका में कूद गया मेरा बजरंगी बाला
- हनुमान तुम्हारा क्या कहना
- थोड़ा सा भजन हनुमानजी का करले