कैसे चुकाएं सांवरे,
एहसान तेरे हम,
इतना दिया है तूने जो,
होगा कभी ना कम,
कैसे चुकाएँ सांवरे,
एहसान तेरे हम।।
भक्ति में जिसने तेरी,
जीवन बिताया रे,
आसान नहीं मंज़िल,
रस्ता दिखाया रे,
हम जैसे पापियों पे भी,
तूने किये करम,
कैसे चुकाएँ सांवरे,
एहसान तेरे हम।।
उसका बिगाड़ सकती,
क्या मौत बाल भी,
रहमत से तेरी जिसके,
बस में हो काल भी,
फिर कैसे हारे कोई भी,
माने तेरे नियम,
कैसे चुकाएँ सांवरे,
एहसान तेरे हम।।
ज़िन्दगी संवर गई मेरी,
तेरे ही नाम से,
खुशियां मिली हमें यहाँ,
तेरे ही साथ से,
रहमो करम तेरे सदा,
पाते रहें यूँ हम,
कैसे चुकाएँ सांवरे,
एहसान तेरे हम।।
कैसे चुकाएं सांवरे,
एहसान तेरे हम,
इतना दिया है तूने जो,
होगा कभी ना कम,
कैसे चुकाएँ सांवरे,
एहसान तेरे हम।।