मेरे बाबा की ज्योत जहाँ भी जले भजन लिरिक्स

मेरे बाबा की ज्योत जहाँ भी जले,
हर जगह खाटू जैसी मस्ती मिले।।

बैठता सांवरा सज के दरबार में,
ना कमी कोई करता है ये प्यार में,
ख़ासियत है यही श्याम सरकार में,
ख़ासियत है यही श्याम सरकार में,
नाम से श्याम के काम होते भले,
हर जगह खाटू जैसी मस्ती मिले।।

मीठे भजनो की बहती स्वर लहरिया,
जाम के होता है कीर्तन बजे तालिया,
खाटू वाले की है ये मेहरबानियाँ,
खाटू वाले की है ये मेहरबानियाँ,
रखता है सांवरा अपनी किरपा तले,
हर जगह खाटू जैसी मस्ती मिले।।

अपने दीवानगी का चढ़ाता है रंग,
अच्छे अच्छो को पल में बनाता मलंग,
ये नचाता है खुद नाचता संग संग,
ये नचाता है खुद नाचता संग संग,
दौर मस्ती का ‘गुंजन’ वहा जब चले,
हर जगह खाटू जैसी मस्ती मिले।।

मेरे बाबा की ज्योत जहाँ भी जले,
हर जगह खाटू जैसी मस्ती मिले।।

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