वाह रे वाह रे साँवरिया,
थारी लीला समझ ना आवे,
छोड़ के छप्पन भोग खीचड़ो,
छोड़ के छप्पन भोग खीचड़ो,
कर्मा के घर खावे,
वाह रे वाह रे सांवरिया,
थारी लीला समझ ना आवे।।
रुक्मणि भामा कदसे बैठी,
बाट उड़िके थारी,
सेवा में तैयार खड़ी,
रानी पटरानी सारी,
पण तू जिमे कर्मा के घर,
पण तू जिमे कर्मा के घर,
लीला तेरी न्यारी,
वाह रे वाह रे सांवरिया,
थारी लीला समझ ना आवे।।
सीधे साधे जाट की बेटी,
कर्मा भोली भाली,
तेरे आगे धरी प्रेम से,
खिचडली की थाली,
रीझ गयो तू इतने में ही,
रीझ गयो तू इतने में ही,
तेरी बात निराली,
वाह रे वाह रे सांवरिया,
थारी लीला समझ ना आवे।।
बड़भागन है कर्मा थाने,
हाथा से जिमावे,
बड़ा बड़ा जोगी ज्ञानी भी,
ऐसो सुख ना पावे,
प्रेम के वश में तू साँवरिया,
प्रेम के वश में तू साँवरिया,
‘सोनू’ यो समझावे,
वाह रे वाह रे सांवरिया,
थारी लीला समझ ना आवे।।
वाह रे वाह रे साँवरिया,
थारी लीला समझ ना आवे,
छोड़ के छप्पन भोग खीचड़ो,
छोड़ के छप्पन भोग खीचड़ो,
कर्मा के घर खावे,
वाह रे वाह रे सांवरिया,
थारी लीला समझ ना आवे।।
Pingback: lyrics colections part 5 on bhajans lyrics and pages for lyrics – Site Title