कृष्ण भजन हम सब है कठपुतली तेरे हाथो में है डोर भजन लिरिक्स
स्वर – काँची भार्गव।
तर्ज – सावन का महीना।
हम सब है कठपुतली,
तेरे हाथो में है डोर,
नचा ले कान्हा जैसे,
नाचे है वन में मोर।।
तुझपे भरोसा मुझे,
तेरा ही सहारा,
डूबी हुई नैय्या का,
तू ही बस किनारा,
थाम ले मेरी बइया,
दुख के बादल है घनघोर,
नचा ले कान्हा जैसे,
नाचे है वन में मोर।।
जग में जो नाचा बाबा,
नाचता रहूँगा,
दुखो के थपेड़े बोलो,
कब तक सहूँगा,
और सहा ना जाए,
अब पकड़ूँ किसका छोर,
नचा ले कान्हा जैसे,
नाचे है वन में मोर।।
‘रूबी रिधम’ ने तेरी,
टेर लगाई,
हर पल बाबा तेरी,
महिमा है गाई,
मुझको भी शरण में रख लो,
मेरा तुझ बिन ना कोई और,
नचा ले कान्हा जैसे,
नाचे है वन में मोर।।
हम सब है कठपुतली,
तेरे हाथो में है डोर,
नचा ले कान्हा जैसे,
नाचे है वन में मोर।।
- रमता रमता आवो देवी माँ जागण दीराऊ थारे नाम रो
- कोई जाये जो वृन्दावन मेरा पैगाम ले जाना भजन लिरिक्स
- बेगा बेगा आओ गणराज उड़िके टाबरिया भजन लिरिक्स
- सगळी दुनिया छोड़ बापजी आया थारे द्वार रामदेवजी भजन
- छोटे भैया मीठा लागे भीलणी रा बोर भजन लिरिक्स
Pingback: सिमरु प्रथम नित तुमको गणेशा राजस्थानी गणेश वंदना – Bhajan Collections