आज्ञा नहीं है माँ मुझे किसी और काम की
न पल मे यु महान न होतेगदा हाथ लिये बलवान न होतेन विजय श्रीराम की होतीअगर पवनपुत्र हनुमान न होते।। आज्ञा नहीं है माँ मुझे, किसी और काम कीवरना भुजाएँ तोड़ दू, सौगंध राम की।। लंका पाताल ठोक दू, रावण के शान कीजिन्दा जमी मे गाढ़ दू, सौगंध राम की।। ना झूठी शान करू, ना …