अरे सावन महीनो ए राधा आवीयो,
भरीया समन्द तलाव,
साथ सहेलीया रो झूलरो,
राधा पानीडा ने जाय।।
अलगो भरोनी राधा बेडलो,
उसली आवे थारी बास,
थारे तो ओडन ने बाला चुन्दडी,
मारे भले चिकनी रो चीर,
मै तो कहीजा घर री दासीया,
थे भले कि्ष्ण जी री नार।।
जटके उचायो राधा बेडलो,
जाय लागी सासुजी रे पाव,
देवोनी सासुजी बाला चुन्दडी,
है माने चुन्दडीया रो कोड,
साथ सहेलीया मुसा बोलीया,
बोले फुलडीया बोल मारे तो,
मंगा दो बाला चुन्दडी।।
अरे बारह रे बरसा सु सवरो आवीया,
आया मारोडे दरबार,
खिडकी खोलो नी बादल मेहल री,
खोलो वेतो बांधयोडा किवाड,
हसने बोलो नी राधा हेत सु बोलो,
राधा ही नाम देवोनी,
सावरीया बाला चुन्दडी।।
माने सावरीया पिर भेजदो,
पिवर जावन रो है कोड,
बाबोसा देवेला बाला चुन्दडी,
देवे मारा माताजी आज बीरोसा।
दिरावे बाला चुन्दडी।।
अरे सावन महीनो ए राधा आवीयो,
भरीया समन्द तलाव,
साथ सहेलीया रो झूलरो,
राधा पानीडा ने जाय।।
गायक – गजेंद्र राव जी।
राजस्थानी भजन अरे सावन महीनो ए राधा आवीयो बाला चुन्दडी
अरे सावन महीनो ए राधा आवीयो बाला चुन्दडी
Pingback: भोले नाथ परणीजन आया देखो जान रो खटको – Bhajan Collections
Pingback: देख तेरे संसार की हालत प्रदीप भजन लिरिक्स – Bhajan Collections
Pingback: ब्रम्ह सरोवर घाट घाट पर तुलसी जोवे बाट खेतेश्वर आवोनी – Bhajan Collections
Pingback: मोड़ो घणो आयो रे सांवलिया थे मारी लाज गवाई रे – Bhajan Collections
Pingback: समय का एक पहिया चलता है चेतावनी भजन लिरिक्स – Bhajan Collections