राजस्थानी भजन गणपत सुरसत शारद सिमरू गुरु मिल्या ब्रह्मज्ञानी
गायक – सुरेश लोहार।
गणपत सुरसत शारद सिमरू,
दीजो अनुभव वाणी हा,
परसत परसत पीर परसीया,
परखी पीरो री निसोणी संतो,
गुरु मिल्या ब्रह्मज्ञानी,
ग्यान सुनाय कियो हरी नेड़ो,
बात अगम री जोणी रे संतो,
गुरु मिल्या ब्रह्मज्ञानी हा।।
दिल मे दरस्या प्रेम मे परस्या,
दिल मे दरस्या प्रेम मे परस्या,
सतगुरु री सैलोणी हा,
अगम निगम रो खेल बतायो,
आ तो जुगाती ओलखाणी संतो,
गुरु मिल्या ब्रह्मज्ञानी हा।।
अल्ला खुदा अलख निरंजन,
अल्ला खुदा अलख निरंजन,
निराकार निर्वोणी रे हा,
हर दम हेर गेर घर लाया,
पाई संत री निसाणी,
गुरु मिल्या ब्रह्मज्ञानी हा।।
गुरु अवधुता पूरा मिल्या,
गुरु अवधुता पुरा मिल्या,
गुरु मिल्या गम जोणी हा,
ए हेमनाथ सतगुरु रे चरणे,
सेंध सुरता समोणी,
गुरु मिल्या ब्रह्मज्ञानी हा।।
गणपत सुरसत शारद सिमरू,
दीजो अनुभव वाणी हा,
परसत परसत पीर परसीया,
परखी पीरो री निसोणी संतो,
गुरु मिल्या ब्रह्मज्ञानी,
ग्यान सुनाय कियो हरी नेड़ो,
बात अगम री जोणी रे संतो,
गुरु मिल्या ब्रह्मज्ञानी हा।।
- मारवाड़ रो बाणीयो जायरे समंद री तीर रे
- तुमसे कन्हैया मेरी प्रीत पुरानी भजन लिरिक्स
- ये अटल भरोसा प्यारे खाली ना जाएगा भजन लिरिक्स
- सुख भी मुझे प्यारे है दुःख भी मुझे प्यारे है भजन लिरिक्स
- देखो प्यारे श्याम का ये दरबार है भजन लिरिक्स
Pingback: सुनले सांवरिया सरकार दे दे तू चरणों का प्यार भजन लिरिक्स – Bhajan Collections
Pingback: बात मेरी मानो आराम मिलेगा भजन लिरिक्स – Bhajan Collections