थे तो साँचा हो कुलदेवी मोटा देवी चितौड़गढ़ मे प्रगटिया

थे तो साँचा हो कुलदेवी मोटा देवी,
माताजी मोटा देवी,
चितौड़गढ़ मे प्रगटिया,
थारी जग माई जागी जगमग ज्योति,
जागी जगमग ज्योति,
भगता इत आविया।।

थाने लाडू चाढू लीलोडा नारेल,
लीलोडा नारेल,
धूपा री वेला आविया,
थारा घर घर में थपीजे माडी थान,
थपीजे माडी थान,
ब्राम्हणी दर्शन देवीया।।

थेतो संग मे लावो सोनाला रा नाथ,
शंकर रा अवतार,
आंगन रमता आविया,
माडी आया सेवक चरना रे माय,
माँ चरना रे माय,
चरना मे सुख पाविया।।

म्हाने इन कलयुग मे एक आसरो आप,
एक आसरो आप,
दर्शन म्हाने देवीजो,
माडी नित उठ गासा गुणगान,
थारा गुणगान,
सेवक री अरजी साम्भलो।।

एतो बागा माई जावे माली आप,
जावे माली जी आप,
फुलडा री माला लाविया,
ओतो बनावे फूला री फूल माल,
फूला री फूल माल,
माताजी रे हार चढाविया।।

एतो भूरजी केविजे कानजी रा लाल,
केविजे कानजी रा लाल,
सेवक द्वारे आविया,
मैया दिपानी री वाणी अरज ऊजार,
वाणी अरज ऊजार,
श्याम पालीवाल’ गाविया।।

थे तो साँचा हो कुलदेवी मोटा देवी,
माताजी मोटा देवी,
चितौड़गढ़ मे प्रगटिया,
थारी जग माई जागी जगमग ज्योति,
जागी जगमग ज्योति,
भगता इत आविया।।

Leave a Reply