मेलो श्याम धणी को लागे भक्तो सुरजगढ के माय लिरिक्स

मेलो श्याम धणी को लागे,
भक्तो सुरजगढ के माय,
सुरजगढ के माय,
श्याम के मंदरीये के माय,
मेलों श्याम धणी को लागे,
भक्तो सुरजगढ क माय।।

माघ सुदी ग्यारस दिन आवे,
श्याम ध्वजा सब लेकर आवे,
श्याम ध्वजा भक्तां रे हांथा,
शिखर बंध चढ जाय,
मेलों श्याम धणी को लागे,
भक्तो सुरजगढ क माय।।

आको है इतिहास निरालो,
भक्त अठे का खोल्या तालो,
लग्यो अखाडो जद भक्तां को,
खाटु मंदिर माय,
मेलों श्याम धणी को लागे,
भक्तो सुरजगढ क माय।।

दीखण म यो गांव है छोटो,
सेठ अठे बैठ्यो है मोटो,
फुट्योडी स फुट्योडी तकदीर,
अठे बण जाय,
मेलों श्याम धणी को लागे,
भक्तो सुरजगढ क माय।।

श्याम अखाडो जद लग जावे,
श्याम सिंहासन छोडकआवे,
बुला बुलाकर सब प्रेमी,
अटक्या काम बणाय,
मेलों श्याम धणी को लागे,
भक्तो सुरजगढ क माय।।

आकर देखो श्याम नजारो,
कहणो मानो आज हमारो,
मन्नु जंग लग्यो तालो किस्मत को,
अठे खुल जाय,
मेलों श्याम धणी को लागे,
भक्तो सुरजगढ क माय।।

तुसला राम जी हेलो मारे,
भगत भागीरथ खड्या पुकारें,
कहे हजारी आवो मंदिर म,
सब संकट मिट जाए,
मेलों श्याम धणी को लागे,
भक्तो सुरजगढ क माय।।

मेलो श्याम धणी को लागे,
भक्तो सुरजगढ क माय,
सुरजगढ के माय,
श्याम के मंदरीये के माय,
मेलों श्याम धणी को लागे,
भक्तो सुरजगढ क माय।।

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