राजस्थानी भजन सतगुरु देव दाता अरजी हमारी मरजी तुम्हारी
गायक – श्री ओमदास जी महाराज।
सतगुरु देव दाता अरजी हमारी,
अरजी हमारी स्वामी मरजी तुम्हारी।।
दोहा – वेद ज्ञान कर,
नमस्ते बारम्बार प्रणाम,
सतगुरु से शिक्षा मिली,
नेहडा दरशया राम,
नेहडा दरशया राम,
खुली घट लीला सारी,
तीन ताल के अपार अखंड,
तमि से धारी,
अविधा छुटी जीव कि रे,
मन मे लगी उमेव,
रामबक्स ढांचा खडा रे,
सांचा चारो वेद।
आज तुम्हारी आस है,
कल भी तेरी आस,
आस तुम्हारी लग रही,
में छः रुत बारह मास।
सतगुरु देव दाता अरजी हमारी,
अरजी हमारी स्वामी मरजी तुम्हारी।।
शरण में आया तेरी दयालु,
करो मत देरी,
सार शुद लेवो मेरी,
बिगड़ी सुधारी,
सतगुरु देंव दाता अरजी हमारी।।
दिन बंधु दीना नाथ,
सीस पे तुम्हारा हाथ,
कबहूँ नही छोड़ू साथ,
चढी है खुमारी,
सतगुरु देंव दाता अरजी हमारी।।
अखण्ड अनूप आप,
जपु में तुम्हारा जाप,
पल माही काटो पाप,
पर उपकारी,
सतगुरु देंव दाता अरजी हमारी।।
सतगुरु लादूदास,
पूरी हो हमारी आस,
खींव हैं चरणों का दास,
आपका बिखारी,
सतगुरु देंव दाता अरजी हमारी।।
सतगुरु देंव दाता अरजी हमारी,
अरजी हमारी स्वामी मरजी तुम्हारी।।
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