ओम नाम का सुमिरन करले कह दिया कितनी बार तुझे भजन लिरिक्स

ओम नाम का सुमिरन करले कह दिया कितनी बार तुझे भजन लिरिक्स, om naam ka sumiran karle ram ji bhajan lyrics

ओम नाम का सुमिरन करले भजन लिरिक्स

ओम नाम का सुमिरन करले ,
कर दे भव से पार तुझे।
कह लिया कितनी बार तुझे ,
कह लिया कितनी बार तुझे।

जिस नगरी में वास तेरा ,
ये ठग चोरो की बस्ती है।
लूट जाते है बड़े बड़े यहाँ ,
फिर तेरी क्या हस्ती है।
जिसको अपना समझ रहा तू ,
धोखा दे ये संसार तुझे।
कह लिया कितनी बार तुझे ,
कह लिया कितनी बार तुझे। टेर
..

हाथ पकड़ कर गली गली जो ,
मित्र तुम्हारे डोल रहे
कोयल जैसी मीठी वाणी ,
कदम कदम पर बोल रहे।
बन के साथी बिगड़ी में न ,
गले लगाये यार तुझे।
कह लिया कितनी बार तुझे ,
कह लिया कितनी बार तुझे। टेर।
..

धन दौलत बना दीवाना ,
धर्म कर्म सब भूल रहा।
संध्या हवन तप किया ना ,
नींद नशे में चूर रहा।
ईश्वर को भी नहीं जानता ,
ऐसा चढ़ा प्रमाद तुझे।
कह लिया कितनी बार तुझे ,
कह लिया कितनी बार तुझे। टेर।
..

तुझसे पहले गये बहुत से ,
कितना ले धन साथ गये।
लक्मण सिंह बेमोल कहे वो ,
सारे खाली हाथ गये।
तू भी खाली हाथ चलेगा ,
देखेंगे नर नार तुझे।
कह लिया कितनी बार तुझे ,
कह लिया कितनी बार तुझे। टेर।
..

ram ji bhajan lyrics hindi

om naam ka sumiran karle

Om naam ka sumiran karle,
kar de bhav se paar tujhe.
kah liya kitni bar tujhe,
kah liya kitni bar tujhe.

jis nagari me vas tera,
ye thag choro ki basti hai.
lut kate hai bade bade yaha,
fir teri kya hasti hai.
jisko apna samajh raha tu,
dhokha de ye sansar tujhe.
kah liya kitni bar tujhe,
kah liya kitni bar tujhe.

hath pakad kar gali gali jo,
mitra tumhare dol rahe.
koyal jaisi mithi vani,
kadam kadam par bol rahe.
ban ke sathi bigdi me ne ,
gale lagaye yar tujhe.
kah liya kitni bar tujhe,
kah liya kitni bar tujhe.

dhan dolat bana diwana,
dharm karm sab bhul raha.
sandhya havan tap kiya na,
nind nashe me chur raha.
ishwar ko bhi nhi janta,
aisa chada pramad tujhe.
kah liya kitni bar tujhe,
kah liya kitni bar tujhe.

tujhse pahle gaye bahut se,
kitna le dhan sath gaye.
laxman singh bemol kahe wo,
sare khali hath gaye.
tu bhi khali hath chalega,
dekhenge nar naar tujhe.
kah liya kitni bar tujhe,
kah liya kitni bar tujhe.

हिंदी भजन संग्रह लिरिक्स

ओम नाम का सुमिरन करले

राम नाम का सुमिरन करले ,कर दे भव से पार तुझे।
कह लिया कितनी बार तुझे ,कह लिया कितनी बार तुझे।

जिस नगरी में वास तेरा ,ये ठग चोरो की बस्ती है।
लूट जाते है बड़े बड़े यहाँ ,फिर तेरी क्या हस्ती है।
जिसको अपना समझ रहा तू ,धोखा दे ये संसार तुझे।
कह लिया कितनी बार तुझे ,कह लिया कितनी बार तुझे। टेर।
..

हाथ पकड़ कर गली गली जो ,मित्र तुम्हारे डोल रहे।
कोयल जैसी मीठी वाणी ,कदम कदम पर बोल रहे।
बन के साथी बिगड़ी में न ,गले लगाये यार तुझे।
कह लिया कितनी बार तुझे ,कह लिया कितनी बार तुझे। टेर।
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धन दौलत बना दीवाना ,धर्म कर्म सब भूल रहा।
संध्या हवन तप किया ना ,नींद नशे में चूर रहा।
ईश्वर को भी नहीं जानता ,ऐसा चढ़ा प्रमाद तुझे।
कह लिया कितनी बार तुझे ,कह लिया कितनी बार तुझे। टेर।
..

तुझसे पहले गये बहुत से ,कितना ले धन साथ गये।
लक्मण सिंह बेमोल कहे वो ,सारे खाली हाथ गये।
तू भी खाली हाथ चलेगा ,देखेंगे नर नार तुझे।
कह लिया कितनी बार तुझे ,कह लिया कितनी बार तुझे। टेर।
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laxman singh ke bhajan

भजन/Bhajan Title = ओम नाम का सुमिरन करले
गायक/Singer = = लक्मण सिंह
Bhajan Text- भजन

https://youtu.be/JFWk8nDjQlo

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