चलो गुरुजी का देश मारी हेली भजन लिरिक्स

चलो गुरुजी का देश मारी हेली भजन लिरिक्स
, Heli Mahari Chalo Gura Sa Re Desh heli mhari bhajan lyrics

चालो दीवाना देश म्हारी हेली

चालो दीवाना देश में म्हारी हेली ,
नहीं रेवण ने है ठोड।

सुखमण सेज समेत लो म्हारी हेली ,
मन पवना कर एक।
गगन मंडल सु डेरा उपडे म्हारी हेली ,
फेर नहीं धरणो शरीर।
चालो दीवाना देश में म्हारी हेली ,
नहीं रेवण ने है ठोड। टेर। ….

तीन पांच वटे पहुंचे नहीं म्हारी हेली ,
नहीं पवना रो प्रवेश।
नहीं उगे नहीं आथवे म्हारी हेली ,
ऐसा सुराना देश।
चालो दीवाना देश में म्हारी हेली ,
नहीं रेवण ने है ठोड। टेर। ….

सगुण तू तो वठे नहीं म्हारी हेली ,
निर्गुण कयो नहीं जाय।
सर्गुण निर्गुण रे उपरे म्हारी हेली ,
अटल अविनाशी रो धाम।
चालो दीवाना देश में म्हारी हेली ,
नहीं रेवण ने है ठोड। टेर। ….

अठा सु बिछड्या वठे मिलसा म्हारी हेली ,
हंस हंस मिलजो धाम।
केवे कबीरसा धर्मिदास ने म्हारी हेली ,
सत सत वो ही भरतार।
चालो दीवाना देश में म्हारी हेली ,
नहीं रेवण ने है ठोड। टेर। ….

heli mhari bhajan lyrics in hindi

Heli Mahari Chalo Gura Sa Re Desh

Chalo diwana desh mhari heli,
nhi revan ne hai thod.

sukhaman sej samet lo mhari heli,
man pavana kar ek.
gagan mandal su dera upde mhari heli,
fer nhi dharno sharir.
Chalo diwana desh mhari heli,
nhi revan ne hai thod.

Teen panch vate pahuche nhi mhari heli,
nhi pavna ro prevesh.
nhi uge nhi aathve mhari heli,
aisa surana desh.
Chalo diwana desh mhari heli,
nhi revan ne hai thod.

sagun tu to vathe nhi mhari heli,
nirgun kyo nhi jay.
sargun nirgun re upre mhari heli,
atal avinashi ro dham.
Chalo diwana desh mhari heli,
nhi revan ne hai thod.

atha su bichdya vathe milsa mhari heli,
hans hans miljo dham.
keve kabirsa dharmidas ne mhari heli,
sat sat vo hi bhartar.
Chalo diwana desh mhari heli,
nhi revan ne hai thod.

हेली मारी भजन लिरिक्स

चलो गुरुजी का देश मारी हेली

चालो दीवाना देश में म्हारी हेली ,नहीं रेवण ने है ठोड।

सुखमण सेज समेत लो म्हारी हेली ,मन पवना कर एक।
गगन मंडल सु डेरा उपडे म्हारी हेली ,फेर नहीं धरणो शरीर।
चालो दीवाना देश में म्हारी हेली ,नहीं रेवण ने है ठोड। टेर। ….

तीन पांच वटे पहुंचे नहीं म्हारी हेली ,नहीं पवना रो प्रवेश।
नहीं उगे नहीं आथवे म्हारी हेली ,ऐसा सुराना देश।
चालो दीवाना देश में म्हारी हेली ,नहीं रेवण ने है ठोड। टेर। ….

सगुण तू तो वठे नहीं म्हारी हेली ,निर्गुण कयो नहीं जाय।
सर्गुण निर्गुण रे उपरे म्हारी हेली ,अटल अविनाशी रो धाम।
चालो दीवाना देश में म्हारी हेली ,नहीं रेवण ने है ठोड। टेर। ….

अठा सु बिछड्या वठे मिलसा म्हारी हेली ,हंस हंस मिलजो धाम।
केवे कबीरसा धर्मिदास ने म्हारी हेली ,सत सत वो ही भरतार।
चालो दीवाना देश में म्हारी हेली ,नहीं रेवण ने है ठोड। टेर। ….

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budhram ji ke bhajan

Bhajan / Geet(भजन ) == चालो दीवाना देश म्हारी हेली
Bhajan Singer/गायक = बुधाराम जी
Bhajan Lyrics Type = भजन Lyrics

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