साईं साईं की जपले तू माला भव तारे मेरा शिरडी वाला

साईं साईं की जपले तू माला,
भव तारे मेरा शिरडी वाला।।

साईं योगेश्वर है साईं दयाला,
साईं ही करते है जग प्रतिपाला,
साईं के नाम से जग में उजाला,
साई साई की जपले तू माला,
भव तारे मेरा शिरडी वाला।।

श्रद्धा और सबुरी है साईं के रूप,
जग को देते बाबा शक्ति अनूप,
साईं राम तो अमृत की धारा,
साई साई की जपले तू माला,
भव तारे मेरा शिरडी वाला।।

साईं ही सुबह है साईं ही शाम,
साईं की किरपा से बनते सब काम,
साईं नाम का तू पी ले प्याला,
साई साई की जपले तू माला,
भव तारे मेरा शिरडी वाला।।

साईं साईं की जपले तू माला,
भव तारे मेरा शिरडी वाला।।

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