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तरस रही हैं तेरे दरस को कबसे मेरी नजरिया Bhajan Lyrics

taras rahi hai tere daras ko kab se meri nazariya Bhajan Lyrics

तरस रही है तेरे दरस को,
कबसे मेरी नजरिया माँ,
कबसे मेरी नजरिया,
ओ शेरावाली ओ जोतावाली,
अब तो ले ले खबरिया,
तरस रही हैं तेरे दरस को,
कबसे मेरी नजरिया.

तेरे दर जो आए सवाली,
भर दी झोली जाए ना खाली,
आओ माँ मेरे सर से उतारो,
आओ माँ मेरे सर से उतारो,
पापों की भारी गठरिया,
तरस रही हैं तेरे दरस को,
कबसे मेरी नजरिया

तू ही है ज्वाला तू ही है काली,
भक्तो की मैया सदा रखवाली,
दर दर भटके तेरे दरश को,
दर दर भटके तेरे दरश को,
भूली राह डगरिया,
तरस रही हैं तेरे दरस को,
कबसे मेरी नजरिया

भक्तो जी मंडल तेरा पुजारी,
घर घर में ज्योत जगाए तुम्हारी,
तेरा ही गुणगान करे माँ,
तेरा ही गुणगान करे माँ,
लख्खा हर एक नगरीया,
तरस रही हैं तेरे दरस को,
कबसे मेरी नजरिया.
स्वरलखबीर सिंह लक्खा

Bhajan Lyrics दुर्गा भजन

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