कुछ ना कहो (शीर्षक) – Kuch Naa Kaho (Sadhana Sargam, Shaan, Title)
Movie/Album: कुछ ना कहो (2003)
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: जावेद अख्तर
By: साधना सरगम, शान
हल्की-हल्की मुलाकातें थीं
दूर-दूर से बातें थीं
धीरे-धीरे क्या हो गया है, मैं क्या कहूँ
क्यूँ लड़खड़ाई धड़कन
क्यूँ थरथराये तन-मन
क्यूँ होश मेरा यूँ खो गया है, मैं क्या कहूँ
कुछ ना कहो, कुछ ना कहो
कुछ ना कहो, कुछ ना कहो
सब मेरे दिन सब रातें
तुम्हारे ख्यालों में रहते हैं गुम
कहनी है तुमसे जो बातें
बैठो ज़रा अब सुन भी लो तुम
क्या मेरे ख्वाब हैं, क्या है मेरी आरज़ू
तुमसे ये दास्ताँ क्यूँ ना कहूँ रूबरू
कुछ ना कहो…
हो जज़्बात जितने हैं दिल में
मेरे ही जैसे हैं वो बेज़बां
जो तुमसे मैं कह ना पायी
कहती है वो मेरी खामोशियाँ
सुन सको तो सुनो, वो जो मैंने कहा नहीं
सच तो है कहने को, अब कुछ रहा नहीं
कुछ ना कहो…