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Sajda Lyrics in Hindi-2020-RcR-Sajda lyrics in Hindi sung by RcR, Pranshu Jha
DETAILS :
Song Title: Sajda
Singer: RcR
Music: Pranshu Jha
Lyrics: RcR
Sajda Lyrics in Hindi
अपना जीना मरना तुझ संग
मैंने जोड़ लिया
तेरे लिए दुनिया से
हर इक नाता तोड़ लिया
अपना जीना मरना तुझ संग
मैंने जोड़ लिया
तेरे लिए दुनिया से
हर इक नाता तोड़ लिया
जबसे तुझको जाना है
तबसे ही खुदा तुझे माना है
ख्वाब ना दौलत शोहरत के
बस तुझको पाना है
इश्क कराया खैर ओह रब्बा
इश्क कराया खैर
यार डा सजदा करदी हाँ
ना दिन देखा ना दोपहर
इश्क कराया खैर ओह रब्बा
इश्क कराया खैर
यार डा सजदा करदी हाँ
ना दिन देखा ना दोपहर
सीरत पे मर गयी न देखि तेरी सूरत
है सूरत भी माशाल्लाह क्या खूबसूरत
है कदमो में दे दे चाहे अपने पनाह
मुझे जीने को दिल नहीं बस तेरी जरूरत
है हालत की मेरी सब सहेली ये गवाह है
जो हुवा तुझे देख वो कभी ना हुआ है
मरीज़ बन गयी तेरी इश्क की जाना
अब टू ही मेरे लिए इस मर्ज़ की दवा है
दरारे पड़ चुकी मेरे दिल के मकान पे
खरीदार नहीं कोई ग़मो की दूकान पे
सजदो में रहता है तेरा ही ज़िकर
कुरान की तरह राता है तुझे जुबान पे
उन रास्तो को चुमू जो तेरी गली जाए
न जाने तेरी कमी मुझे क्यों खली जाए
बस इक हसरत की तेरी हो जाऊ
फिर किसे परवाह चाहे जान चलि जाए
इश्क कराया खैर ओह रब्बा
इश्क कराया खैर
यार डा सजदा करदी हाँ
ना दिन देखा ना दोपहर
इश्क कराया खैर ओह रब्बा
इश्क कराया खैर
यार डा सजदा करदी हाँ
ना दिन देखा ना दोपहर
तू मेरे लिये पाक और रसूल है
तेरी करना इबादत असूल है
कहते हो अच्छे नहीं मैं इंसान
मुझे अच्छा बुरा दोनों ही कबूल है
अपना ले मोहोब्बत सौ सजदे करुँगी
तेरी आई तेरे खातिर मैं मरूंगी
क़सम कुरान की कुवारी रेह लुंगी
पर तेरे बिना किसी से निकाह ना पढूंगी
बंज़र है दिल करदे प्यार की बारिश
दरारों का कोई न हिसाब है
पूछे घरवाले की हुआ क्या तुझे
इन बातों का कोई न जवाब है
अन्दर से रोती हू मरती हू पल पल
बस पहना ख़ुशी का नकाब है
ख्वाबो की दुनिया में बस तू है मेरा
हकीकत में ये भी तो ख्वाब है
मिले एक रात फिर कभी ना सवेरा हो
मेरी ख़ुशी तेरी, तेरा हर गम मेरा हो
कुछ नहीं चाहिए सिर्फ एक अरमान
उठे अर्थी जहां बस वो घर तेरा हो
तुझसे दूर होक दिल पायेंगा रेह भी नहीं
तुझसे दूर होक दिल पायेंगा रेह भी नहीं
ये कैसी दिल चीर हकीकत है
तू है, तू है भी नहीं, तू है भी नहीं
इश्क कराया खैर ओह रब्बा
इश्क कराया खैर
यार डा सजदा करदी हाँ
ना दिन देखा ना दोपहर
इश्क कराया खैर ओह रब्बा
इश्क कराया खैर
यार डा सजदा करदी हाँ
ना दिन देखा ना दोपहर
जिस्मानी तौर ते
नाल होना ही मोहब्बत नहीं
यार तों बिछड़ के
यार नु खयाला विच
जिंदा रखना वी मोहोब्बत है