सीना पड़ा – Seena Pada (Udit Narayan, Shreya Ghoshal, Saaya)
Movie/Album: साया (2003)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: सईद क़ादरी
By: उदित नारायण, श्रेया घोषाल
उदित नारायण
जो ना होना था, वो मुझे होना पड़ा
आज खो कर तुझे ज़िन्दा रहना पड़ा
वक़्त से जो मिला मुझे वो ज़ख्म
सीना पड़ा, सीना पड़ा
जो ना होना था…
फिर कहीं शहर में छोटा सा घर बना लूँगा
तू सजा था कभी उस तरह मैं सजा लूँगा
फिर नये रंगों से रंग लूँगा उसकी दीवारें
कुछ नए ख़्वाब भी गमलों में मैं लगा लूँगा
तेरे ग़म का ज़हर यूँ भी पीना पड़ा
आज खो कर तुझे…
वक़्त मरहम है तेरा ज़ख्म भी वो भर देगा
बिन तेरे जीने के लायक वो मुझे कर देगा
फिर नए रास्ते देगा वो मेरे क़दमों को
फिर मुझे लौट कर आने का कोई दर देगा
टूटा सपना हाँ मुझे फिर पिरोना पड़ा
आज खो कर तुझे…
अब तेरी यादों को मेहमान मैं बना लूँगा
जब भी आयेंगी तो कुछ महफिलें सजा लूँगा
उनके आने फिर उनके जाने को रफ्ता-रफ्ता
कोई आदत-सी हाँ मैं तो बना लूँगा
हाय इतना क्यों मुझे तन्हा यूँ होना पड़ा
आज खो कर तुझे…
श्रेया घोषाल
जो न होना था, वो मुझे होना पड़ा
आज खोकर तुझे, ज़िन्दा रहना पड़ा
वक़्त से जो मिला मुझे वो ज़ख्म
सीना पड़ा, सीना पड़ा
जो ना होना था…
दूर दुनिया से तेरी इतना चली आई हूँ
आज मैं जिस्म नहीं, आज मैं परछाई हूँ
हर जगह भीड़ का सैलाब तेरे चारों तरफ
मैं अपने आप में सिमटी हुई तन्हाई हूँ
जो भी हासिल हुआ, पा के खोना पड़ा
आज खो कर तुझे…
पास है मेरे, तेरे साथ गुज़ारे लम्हे
कुछ अधूरे रहे, कुछ पूरे हो गए सपने
बहुत संभाल के रखती हूँ इनको सीने में
अब इस जहान में मेरे तो हैं यही अपने
याद कर के जीयें, रात दिन रोना पड़ा
आज खो कर तुझे…
तुझे है कसम मेरे ख्वाबों को पूरा करना
रंग जो मैंने चुने थे, वही उनमें भरना
अब इनका जो भी अंजाम, तुझ पे छोड़ दिया
मेरी उम्मीद को तू नाउम्मीद ना करना
सूना-सूना मेरे दिल का कोना पड़ा
आज खो कर तुझे…