या रब्बा – Ya Rabba (Kailash Kher, Salaam-e-Ishq)  
या रब्बा – Ya Rabba (Kailash Kher, Salaam-e-Ishq)  

या रब्बा – Ya Rabba (Kailash Kher, Salaam-e-Ishq)  

या रब्बा – Ya Rabba (Kailash Kher, Salaam-e-Ishq)
 
Movie/Album: सलाम-ए-इश्क़ (2007)
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: समीर
By: कैलाश खेर

प्यार है या सज़ा, ऐ मेरे दिल बता
टूटता क्यूँ नहीं, दर्द का सिलसिला
इस प्यार में हों कैसे-कैसे इम्तेहाँ
ये प्यार लिखे कैसी-कैसी दास्ताँ
या रब्बा, दे दे कोई जान भी अगर
दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर
हो या रब्बा, दे दे कोई जान भी अगर
दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर
हो प्यार है या सज़ा…

कैसा है सफ़र, वफ़ा की मंज़िल का
ना है कोई हल, दिलों की मुश्किल का
धड़कन-धड़कन बिखरी रंजिशें
साँसें-साँसें टूटी बंदिशें
कहीं तो हर लम्हा होंठों पे फ़रियाद है
किसी की दुनिया चाहत में बर्बाद है
या रब्बा…

कोई ना सुने सिसकती आहों को
कोई ना धरे तड़पती बाहों को
आधी-आधी पूरी ख्वाहिशें
टूटी-फूटी सब फरमाइशें
कहीं शक है, कहीं नफरत की दीवार है
कहीं जीत में भी शामिल पल-पल हार है
या रब्बा…

हो प्यार है या सज़ा…

ना पूछो दर्द बन्दों से
हँसी कैसी, ख़ुशी कैसी
मुसीबत सर पे रहती है
कभी कैसी, कभी कैसी
हो रब्बा, रब्बा हो…

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