काश – Kaash (Hariharan)
Movie/Album: काश (2000)
Music By: हरिहरन
By: हरिहरन
काश ऐसा कोई मंज़र होता
मेरे काॅंधे पे तेरा सर होता
काश ऐसा…
जमा करता जो मैं आए हुए संग
सर छुपाने के लिए घर होता
मेरे काॅंधे पे…
इस बलंदी पे बहुत तन्हा हूॅं
काश मैं सबके बराबर होता
मेरे काॅंधे पे…
उसने उलझा दिया दुनिया में मुझे
वरना इक और कलंदर होता
मेरे काॅंधे पे…