Afsana Likh Rahi Hoon Lyrics

Afsana Likh Rahi Hoon Lyrics -Uma Devi, Dard

Title : अफसाना लिख रही हूँ
Movie/Album: दर्द (1947)
Music By: खैय्याम
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: उमा देवी

अफ़सान लिख रही हूँ दिल-ए-बेक़रार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ…

जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बहार में
जी चाहता है मूँह भी न देखूँ बहार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ…

हासिल हैं यूँ तो मुझको ज़माने की दौलतें
लेकिन नसीब लाई हूँ इक सोग़वार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ…

आजा कि अब तो आँख में आँसू भी आ गये
साग़र छलक उठा मेरे सब्र-ओ-क़रार का
आँखोँ में रन्ग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ..

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