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Chup Ho Ja Lyrics -Kishore Kumar, Bandi
Title : चुप हो जा
Movie/Album: बंदी (1957)
Music By: हेमंत कुमार
Lyrics By: राजेंद्र कृष्ण
Performed By: किशोर कुमार
चुप हो जा अमीरों के ये सोने की घड़ी है
तेरे लिए रोने को बहुत उम्र पड़ी है
चुप हो जा…
रोना है ग़रीबों के लिए क़ौमी तराना
क्या समझी?
मत रो की मेरी जान, ये है राग पुराना
अब गुल ना मचा देख
वो पुलिस खड़ी है
चुप हो जा…
अम्माँ तेरी जन्नत में है ओर जेल में है अब्बा
वाह वाह क्या नसीब पाया
चाचा तो तेरे पहले से ही गोल हैं डब्बा
क़िस्मत में तेरी लिखा है चूँ-चूँ का मुरब्बा
क्या ख़ूब नज़र राहु-ओ-केतु की पड़ी है
चुप हो जा…
जब दूध नहीं काम अंगूठे से चला ले
ख़ुद अपना लहू चूस के तू भूख मिटा ले
कहते हैं जिसे सबर अरे चीज़ बड़ी है
चुप हो जा…
माँगे से तो कोई तेरा अधिकार ना देगा
दुश्मन को कोई ख़ुशी से तलवार ना देगा
लेना है जो दुनिया से उसे छीन के ले ले
नरमी से तो कौड़ी भी ये संसार ना देगा
हिम्मत से उठा ले यहाँ जो चीज़ पड़ी है
ये तोता, ये पिस्तौल, ये काग़ज़ की घड़ी है
यहाँ जमुना के तट श्याम के संग राधा खड़ी है
सच ये है कि तक़दीर से तदबीर बड़ी है
चुप हो जा..