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Shaam-e-Gham Ki Kasam Lyrics- Talat Mahmood, Footpath
Title : शाम-ए-ग़म की कसम
Movie/Album: फुटपाथ (1953)
Music By: खय्याम
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: तलत महमूद
शाम-ए-ग़म की कसम
आज ग़मगीं हैं हम
आ भी जा, आ भी जा, आज मेरे सनम
शाम-ए-ग़म की कसम
दिल परेशान है, रात वीरान है
देख जा, किस तरह आज तन्हाँ हैं हम
शाम-ए-ग़म की कसम
चैन कैसा जो पहलू में तू ही नहीं
मार डाले न दर्द-ए-जुदाई कहीं
रुत हसीं है तो क्या, चांदनी है तो क्या
चांदनी ज़ुल्म है और जुदाई सितम
शाम-ए-ग़म की कसम…
अब तो आजा के अब रात भी सो गई
ज़िन्दगी ग़म के सहराओं में खो गई
ढूंढती है नज़र, तू कहाँ है मगर
देखते देखते आया आँखों में दम
शाम-ए-ग़म की कसम…