Us Mulk Ki Sarhad Ko Lyrics-Md.Rafi, Ankhen
Title : उस मुल्क की सरहद को Lyrics
Movie/Album/Film: आँखें Lyrics-1968
Music By: रवि
Lyrics : साहिर लुधियानवी
Singer(s): मोहम्मद रफ़ी
उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान है आँखें
हर तरह के जज़्बात का ऐलान हैं आँखें
शबनम कभी, शोला कभी, तूफ़ान है आँखें
आँखों से बड़ी कोई तराज़ू नहीं होती
तुलता है बशर जिसमें वो मीज़ान है आँखें
आँखें ही मिलाती हैं ज़माने में दिलों को
अनजान हैं हम-तुम, अगर अनजान है आँखें
लब कुछ भी कहें, उससे हक़ीक़त नहीं खुलती
इंसान के सच-झूठ की पहचान है आँखें
आँखें न झुकें तेरी किसी ग़ैर के आगे
दुनिया में बड़ी चीज़, मेरी जान है आँखें
उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान है आँखें