Title – बूंदें नहीं सितारे Lyrics
Movie/Album- साजन की सहेली -1981
Music By- ऊषा खन्ना
Lyrics- मजरूह सुल्तानपुरी
Singer(s)- मोहम्मद रफी
बूँदें नहीं सितारे, टपके हैं कहकशां से
सदके उतर रहे हैं, तुम पर ये आसमां से
बूँदें नहीं सितारे…
मोती के रंग रुत के, क़तरे दमक रहे हैं
या रेशमी लटों में, जुगनू चमक रहे हैं
आँचल में जैसे बिजली, कौंधे यहाँ-वहाँ से
सदके उतर रहे हैं…
देखे तो कोई आलम, भीगे से पैरहन का
पानी में है ये शोला, या नूर है बदन का
अँगड़ाई ले रहे हैं, अरमां जवां-जवां से
सदके उतर रहे हैं…
पहलू में आ के मेरे, क्या चीज़ लग रही हो
बाहों के दायरे में, तस्वीर लग रही हो
हैरान हूँ के तुमको, देखूँ कहाँ-कहाँ से
सदके उतर रहे हैं…