दौलत शोहरत क्या करनी तेरे प्यार का सहारा काफ़ी है ये महल अटारी नहीं चहिये तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है दौलत शोहरत…
मेरे सनम मुझे तेरी क़सम मेरी जान भी तू, ईमान भी तू तेरे दम से है मेरा दम जान भी तू, अंजान भी तू पैसा वैसा क्या करना मुझे मुझे तेरा नज़ारा काफ़ी है दौलत शोहरत…
प्यार मुहब्बत से दुनिया में कुछ बढ़कर होता भी नहीं दौलत जाऐ तो जाऐ कोई प्यार बिना, रोता ही नहीं ऐशो मसर्रत नहीं चहिये मुझे तेरे नाम का सहारा काफ़ी है दौलत शोहरत…