मैं तो बरसाने कुटियाँ बनाऊगी भजन लिरिक्स
मैं तो बरसाने कुटियाँ बनाऊगी सखी,रह जाऊगी सखी,मैं तो बरसाने झोपड़ी बनाऊगी सखी,रह जाऊगी सखी. श्री जी के महलो से रज लेके आउगी,पिली पोखर का जल भी मिलवाऊगी,संतो को बुलवा कर मैं नीर धारूगी,मैं तो बरसाने कुटियाँ बनाऊगी सखी. झोपड़ी सजेगी मेरी राधा राधा नाम से,चन्दन मंगाऊगी मैं सखियों के गाव से,भईया गोकुल आकर कीर्तन …