Aage Chal Lyrics in Hindi – Raftaar
Detail
Song: Aage Chal Lyrics
Singer: Raftaar
Music: Saurabh Lokhande
Rap & Lyrics: Raftaar
Composition: Raftaar
Music: Saurabh Lokhande
Label: Kalamkaar
Lyrics in Hindi
रफ़्तार
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल
मैं आगे चलता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़
मैं आगे बढ़ता चला गया
रफ़्तार
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़ आगे बढ़
सन 1988 नवम्बर16
किसी को थी ना खबर ज़रा सी
के आया दुनिया में एक कलाकार
जो बनेगा स्टार देसी हिप हॉप की जुबानी
ज़लज़ला तूफानी जो लब्जों में सुनामी
जो लड़ गया ज़माने से बन गया कहानी
हुआ सब कुछ जैसा मैंने सोचा
आधी मेहनत आधी रहमत थी खुदा की
पांव रहते ज़मीन पर मेरी
आंखे आसमान पे
की करूं उसे हासिल
सुना सबको पर बनाया खुद का
सीखा नही था रुकना तभी बना मैं काबिल
पागल हुआ जब सुना मैंने रैप किसी दोस्त की वजह से
आज उसे मेरा thank you
बना जरिया कमाया भरा पेट मैंने
लोगो की पसंद में भी हुआ फिर शामिल
कातिल बुलाते मुझे यार मेरे
करा नही रैप मैंने कभी बनने के लिए कूल
यार दोस्त आज भी वही होते दूसरी में साथ मेरे
तब सचदेवा था स्कूल
गुच्ची, Versace, prada ज़रा सब पर
कभी कभी पहनु मैं शर्ट 200 वाली
ताकि अपनी औकात और उस शुरुआत को
गलती से जाऊं ना भूल
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल
मैं आगे चलता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़
मैं आगे बढ़ता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल
मैं आगे चलता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़
मैं आगे बढ़ता चला गया
आगे चला..
आगे आगे चला
वो बोले आगे बढ़
आगे बढ़
बड़े सपने देखे दिन रात जो
ऐसी औलाद मिली मेरे माँ बाप को
पेट काट अपना दिया जो था बस का
पूरा किया मेरे हर छोटे मोटे ख्वाब को
आज वो है खुश कहते है कुछ कर गया
कैसे मैं चुकायूँ अब उनके हिसाब को
मिली जन्नत मुझे मेरे बिना धरती पे
बेटा नही पाला, पाला एक शहलाब को
चलो बंद करता हू ऐसी बातें
मैं हवा में फैला दी थोड़ी seriousness
ऐसे गाने ही करूँगा प्रमोट
खर्चुंगा यही नोट चाहे व्यू आये लेस
हाँ येस, यहां गंध जादा बिकता है
झूट यहा हिट है सच नही दिखता है
कौन हिट कितना है कैसा है
किसी को समझ नहीं
सबको ही वैसा ही दिखना है जिनका है
कुछ ऐसा ही प्लान करो जान के
के मैं सब का नकल जड़ से मिटाने वाला
कहते हैं मुझे रैप करो स्लो ये लो
अगली बार मैं धीरे नही गाने वाला
करूं मन की लो फ़ोटो मेरे तन की
मुझसे ज्यादा सनकी नही है तेरा स्टार
वो स्काई high, मैं अंतरिक्ष पार
सियाही दे गवाही कलमकार रफ्तार रा..
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल
मैं आगे चलता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़
मैं आगे बढ़ता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल
मैं आगे चलता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़
मैं आगे बढ़ता चला गया
कलम ही धर्म है करनी शरम ना
ज़ख़्म ज़ख्म लगते मरहम ना
सकन लगन दुखती तपन ना
सगन सगन बढ़ती रकम आ
कलम ही धर्म है करनी शरम ना
ज़ख़्म ज़ख्म लगते मरहम ना
सकन लगन दुखती तपन ना
सगन सगन बढ़ती रकम आ
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल