Hum logo ko samajh sako to
हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर जानी जितना भी तुम समझोगे उतनी होगी हैरानी अपनी छतरी तुमको दे दें कभी जो बरसे पानी कभी नए packetमें बेचें तुमको चीज़ पुरानी फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी नींद उड़ रही है … थोड़े अनाड़ी हैं थोड़े खिलाड़ी रुक रुक के चलती है अपनी गाड़ी …