लाला की सुन लो शिकायत Bhajan Lyrics

lala ki sunlo shikayat Bhajan Lyrics

भजन Lyrics तर्ज – ये तो प्रेम की बात है

अपने लाला की सुन लो शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है,
वो जो देता है दर्द ये दिल को,
वो दिखाने के काबिल नहीं है,
अपने लाला की सुन लों शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है

मैया पहली शिकायत हमारी,
पनघट पे मिले थे मुरारी,
या ने तोड़ी गगरिया हमारी,
जल भरने के काबिल नहीं है,
अपने लाला की सुन लों शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है.

मैया दूसरी शिकायत हमारी,
गलियों में मिले थे मुरारी,
वा ने फाड़ी चुनरिया हमारी,
ओढ़ने के जो काबिल नहीं है,
अपने लाला की सुन लों शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है.

मैया तीसरी शिकायत हमारी,
महलों में मिले थे मुरारी,
या ने तोड़ी नथनिया हमारी,
मुंह दिखाने के काबिल नहीं है,
अपने लाला की सुन लों शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है

मेरे लाला को प्यार सु बुलाती,
माखन मिश्री का भोग लगाती,
ये तो प्राणो से प्यारा कन्हैया,
ये शिकायत के काबिल नहीं है,
अपने लाला की सुन लों शिकायत,
जो बताने के काबिल नहीं है.

Bhajan Lyrics कृष्ण भजन

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