नाम में धरियो कछु ना भाई

नाम में धरियो कछु ना भाई, कर्मा में लिखीयोड़ा मिलसी, शुभ कर्म सदा सुखदाई।। एक गांव में एक बाई के, नाम की आपत आई, ठन ठन पाल है नाम पति का, नाम ना मन में भाई।। नाम के कारण छोड़ पति को, चली पीहर के ताई, रस्ते में एक अमर नाम का, मरिया मसाना जाई।। …

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