ॐ असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय

ॐ असतो मा सद्गमय।तमसो मा ज्योतिर्गमय।मृत्योर्मामृतं गमय ॥ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥ -बृहदारण्यकोपनिषद् 1.3.28 पवमान मन्त्र या पवमान अभयारोह बृहदारण्यक उपनिषद में विद्यमान एक मन्त्र है। यह मन्त्र मूलतः सोम यज्ञ की स्तुति में यजमान द्वारा गाया जाता था। हिन्दी में अर्थ :हे प्रभु मुझे असत्य से सत्य की ओर ।मुझे अन्धकार से प्रकाश की …

Read more

त्वमेव माता च पिता त्वमेव

त्वमेव माता च पिता त्वमेव।त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।।त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव।त्वमेव सर्व मम देवदेव।। Twameva Mata Cha Pita TwamevaTwameva Bandhuscha Sakha TwamevaTwameva Vidya Dravinam TwamevaTwameva Sarvam Mama Deva Deva! You are my mother and my father,You are my friend and my Beloved, You are knowledge, you are wealthYou are my everything, O God of Gods! …

Read more

लोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतु

लोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतुलोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतुलोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतुओम शांति शांति शांति-ही लोकाः – Lokah इसका बहुआयामी अर्थ है। शाब्दिक अनुवाद, लोकह का अर्थ है कि मनुष्य हालांकि संस्कृत में अपनी बहुआयामी भावना रखता है इसलिए मनुष्यों के अर्थ को सीमित करने से वास्तविक अर्थ को न्याय नहीं मिलेगा। लोका का अर्थ पृथ्वी (पृथ्वी) लोका, पाताल (पृथ्वी …

Read more

Gayatri Mantra – गायत्री मंत्र हिंदी

जीवन में तीन प्रकार के दुख आते है. हमारे तीन शरीर हैस्थूल शरीर, सूक्षमा शरीर और कारण शरीर इन सभी स्तरों में दुख आते है।मानव को जीवन में इन तीनो स्तरों से परे जाना है यही गायत्री का अर्थ है। जो भी भक्त इस मंत्र का जाप करता है वह सभी दुखो से पार जाता …

Read more