सच्ची है तू सच्चा तेरा दरबार माता रानिए भजन लिरिक्स

सच्ची है तू सच्चा तेरा
दरबार माता रानिए
कर दे दया की इक नजर
एक बार माता रानिए
सच्ची है तू सच्चा तेरा
दरबार माता रानिए।।

क्या गम है कैसी उलझन
जब सर पे तेरा हाथ है
हर दुःख में हर संकट में
माता तू हमारे साथ है
तू प्यारी माँ और जग तेरा
परिवार माता रानिए
सच्ची हैं तू सच्चा तेरा
दरबार माता रानिए।।

इक दो नहीं लाखो यहाँ
आये बना कर टोलियाँ
अपनी जुबाँ खोले बिना
भर कर गए हैं झोलियाँ
हर सुख मिलता है करके तेरा
दीदार माता रानिए
सच्ची हैं तू सच्चा तेरा
दरबार माता रानिए।।

तेरी दया की बूँद भी
ममता का एक सागर बने
पत्थर कई हीरे ऐ माँ
दर को तेरे छू कर बने
जन जन पे माँ है तेरा बड़ा
उपकार माता रानिए
सच्ची हैं तू सच्चा तेरा
दरबार माता रानिए।।

तू प्रेम की ज्योति जला
हर दिल से नफरत को मिटा
रोते हुए बिछड़े हुए
भाई से भाई को मिला
युग युग तेरी पूजा
करे संसार माता रानिए
सच्ची हैं तू सच्चा तेरा
दरबार माता रानिए।।

सच्ची हैं तू सच्चा तेरा
दरबार माता रानिए
कर दे दया की इक नजर
एक बार माता रानिए
सच्ची हैं तू सच्चा तेरा
दरबार माता रानिए।।

ओ माता रानिए
जय जय माता रानिए
ओ माता रानिए
जय जय माता रानिए
सच्ची हैं तू सच्चा तेरा
दरबार माता रानिए।।

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