लप लप जीभ निकाली रण चली भवानी भजन लिरिक्स

लप लप जीभ निकाली
रण चली भवानी।

दोहा – ध्याऊँ तो मैया ने ध्याऊँ
और न ध्याऊँ कोय
और सौ दुश्मन में चला जाऊँ
तो मेरा बाल न बांका होय।
कर के अखियाँ लाल
माँ निकली रण में
ज्वाला धधक रही है
माँ तेरे नैनन में।

लप लप जीभ निकाली
रण चली भवानी
चली रे भवानी रण
चली रे भवानी
मुंडुल मालाधारी
रण चली रे भवानी
लप लप जिभ निकाली
रण चली रे भवानी।।

माथे पे मुकुट कान में बाली
माथे पे मुकुट कान में बाली
माँ मुंडुल मालाधारी
रण चली रे भवानी
लप लप जिभ निकाली
रण चली रे भवानी।।

दानव मारन चली रे भवानी
दानव मारन चली रे भवानी
लेकर फरसाधारी
रण चली रे भवानी
लप लप जिभ निकाली
रण चली रे भवानी।।

मैया ने बड़ी बड़ी आँखे निकाली
प्यारी प्यारी मैया ने आँखे निकाली
आज भई मतवाली
रण चली रे भवानी
लप लप जिभ निकाली
रण चली रे भवानी।।

लाल तुम्हारा माँ अर्जी लगाए
चरणों में तेरे माँ शीश झुकाए
माँ रक्षा करो हमारी
रण चली रे भवानी
लप लप जिभ निकाली
रण चली रे भवानी।।

दानव मार दिए मैया ने
दानव मार दिए मैया ने
भर लिया खप्पर खाली
रण चली रे भवानी
लप लप जिभ निकाली
रण चली रे भवानी।।

लप लप जिभ निकाली
रण चली भवानी
चली रे भवानी रण
चली रे भवानी
मुंडुल मालाधारी
रण चली रे भवानी
लप लप जिभ निकाली
रण चली रे भवानी।।

गायक – Guru Chhappan Indori

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

भजन लिरिक्स

https://youtu.be/89MCuYUbuoM

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