सुणो हे माँ टाबरियो री राजस्थानी माता भजन भजन लिरिक्स

सुणो हे माँ टाबरियो री
आशा मनसा पुरो हो
घरे आवो गवरल माँ
हो देवो दरश दिखाए
थारे बिन जग सुनो सुनो
लागे मोरी माय।।

घेर घुमेलो थारो घाघरो ये
मेहन्दी रचियोड़ा हाथ
मेहन्दी रचियोड़ा हाथ
तारा जड़ी चुन्दडी रंग लाल
मन लियो मोए
मैया तारा जड़ी चुन्दडी रंग लाल
मन लियो मोए
सुणो हे माँ टाबरियो ने
आशा मनसा पुरो हो
घरे आवो गवरल माँ
हो देवो दरश दिखाए
थारे बिन जग सुनो सुनो
लागे मोरी माय।।

शीश जड़ाऊँ सोहे बोरियो ये
सोहे बोरियो ये
बाजूबंद री या लूम
बाजूबंद री या लूम
तिमणीयो सोहे गले हार
लत कणकोर
तिमणीयो सोहे गले हार
लत कणकोर
सुणो हे माँ टाबरियो ने
आशा मनसा पुरो हो
घरे आवो गवरल माँ
हो देवो दरश दिखाए
थारे बिन जग सुनो सुनो
लागे मोरी माय।।

सुणो हे माँ टाबरियो ने
रूप सुलखानो दिखावो यो
घरे आवो गवरल माँ
हो देवो दरश दिखाए
थारे बिन जग सुनो सुनो
लागे मोरी माय।।

माया री छाई गहरी बादली ये
म्हारो आपो गयो खोए
म्हारो आपो गयो खोए
भरया रह्या धर्म रा भाव
जाणे ना कोए
सुणो हे माँ टाबरियो री
आशा मनसा पुरो हो
घरे आवो गवरल माँ
हो देवो दरश दिखाए
थारे बिन जग सुनो सुनो
लागे मोरी माय।।

सुणो हे माँ टाबरियो री
धर्म रो मर्म बतावो यो
घरे आवो गवरल माँ
हो देवो दरश दिखाए
थारे बिन जग सुनो सुनो
लागे मोरी माय।।

जग तो हुयो है सारो बावलों ये
सत कठे गयो सोए
ओखडल्यो जोवे है उजास
सूझे ना कोए
सुणो हे माँ टाबरियो री
साचो मारग दिखावो
हो घरे आवो गवरल माँ
हो देवो दरश दिखाए
थारे बिन जग सुनो सुनो
लागे मोरी माय।।

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