जय जय हे माँ अष्ट भवानी दुर्गा अमृतवाणी भजन लिरिक्स

जय जय हे माँ अष्ट भवानी
जय जय हे माँ अम्बे रानी
माता तेरी अकथ कहानी
मुख से माँ ना जाए बखानी।।

तू ही दुर्गा तू ही काली
भक्तों की तू ही रखवाली
हे दुख हरणी मंगल करणी
तू ही मैया है सुख करणी।।

टीका मस्तक पर है साजे
लाल चुनरिया मां को भाए
एक हाथ में खप्पर सोहे
दूजे हाथ में खड्ग बिराजे।।

नाम तुम्हारा जो भी ध्याए
उसके बिगड़े काम बनाएं
जो श्रद्धा से करे कामना
पूरी हो सब मनोकामना।।

तू ब्रह्माणी तू रुद्राणी
तू ही मैया वैष्णो रानी
तू ही लक्ष्मी कमला रानी
तू ही काली अम्बे रानी।।

तू ही कर्ता तू ही भर्ता
तु ही सबकी पालन कर्ता
मैया तेरा व्रत जो करता
अकाल मौत मां वो न मरता।।

शेष गणेश महेश दिनेशा
करतें हैं सब तेरी आशा
सैल सुता मां शक्तिसाला
सकल मनोरथ देने वाला।।

तेरी कृपा मां जब होती
भूखे को मिलती है रोटी
अंधा पावे आंख की ज्योति
मैया जी जब मौज में होती।।

शुम्भ निशुम्भ को है संहारा
महिषासुर को तुमने मारा
तेरी महिमा अपरम्पारा
गाता है मां यह जग सारा।।

जो भी तेरी पूजा करता
नित्य नियम से सेवा करता
सांझ सबेरे ध्यान को करता
सफल वो अपना जीवन करता।।

नव दुर्गा नौ नाम तुम्हारे
सबके बिगड़े काम संवारे
जो भी आए द्वार तुम्हारे
उसकी नैया पार उतारे।।

तू ही शारदे हंस वाहिनी
तू ही मैया सिंह वाहिनी
मैया तू ही मुक्ति दायनी
मैया तू ही वर दायनी।।

जाप निरंतर करे जो कोई
उसका कभी अहित न होई
जो मैया की महिमा गावे
मां चरणों की रज वो पावे।।

दीन दुखी की सदा सहाय
आती मां बिन देर लगाए
सुनती है भक्तों की मैया
जो करूणा भरी टेर लगाए।।

वैदों में है महिमा वांची
मेरी मैया जी है सांची
वेद पुराण सकल सब गाएं
फिर भी महिमा गाई न जाए।।

स्वांस स्वांस जो नाम जपेगा
निश्चय ही वो भव से तरेगा
न चिंता न भय कोई होगा
सिर पर हाथ जो मां का होगा।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि की दाता
मेरी अम्बे दुर्गे माता
जिस घर तेरी ज्योत जले मां
दुख दारिद्र सब दूर भगे मां।।

जो भी तेरी शरण मां आए
जो चरणों का ध्यान लगाए
भक्ति अपनी सभी को दीजै
शरण में मैया सबको लीजै।।

जग कल्याणी जग हितकारी
करती तुम जग की रखवारी
केवल नाम तुम्हारा मैया
कलियुग में है मंगलकारी।।

मैं अवगुण की खान हूं मैया
तुम सकल गुण खान हो मैया
मैं अधमी अति नीच हूं मैया
तुम मुक्ति का धाम हो मैया।।

मैया चरणों में तेरे
लाख लाख प्रणाम
भजता रहे यह दास ‘शिव’
तुमको आठों याम।।

जय जय हे माँ अष्ट भवानी
जय जय हे माँ अम्बे रानी
माता तेरी अकथ कहानी
मुख से माँ ना जाए बखानी।।

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