नव कोटि दुर्गा सिंह धडुके थारे बारणै भजन लिरिक्स

नव कोटि दुर्गा
सिंह धडुके थारे बारणै
सिंह धडूकै थारै बारणै।।

इंद्र घटा छाई घणी है
देख्या आनंद आवे जी
निज मंदिर में आप विराजो
दर्शन घणा सुहावे जी
नव कोटि दुर्गां
सिंह धडुके थारे बारणै।।

ब्रम्हा रूप भई है व्यापक
रोम रोम में सारै
जिन पर मेहर करे नवदुर्गा
भवसागर से तारे जी
नव कोटि दुर्गां
सिंह धडुके थारे बारणै।।

ओसियां में मां सांचल बैठी
कलकत्ते में काली
देशनोक में करणी माता
भक्ता की रखवाली जी
नव कोटि दुर्गां
सिंह धडुके थारे बारणै।।

सब भक्तों की विनती सागा
सुन लो अर्जी म्हारी
हाथ जोड़कर बोलू मैया
चरण कमल बलिहारी जी
नव कोटि दुर्गां
सिंह धडुके थारे बारणै।।

नव कोटि दुर्गा
सिंह धडुके थारे बारणै
सिंह धडूकै थारै बारणै।।

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

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