बिन पानी के नाव खे रही है माँ नसीब से ज्यादा दे रही है भजन लिरिक्स

बिन पानी के नाव खे रही है
माँ नसीब से ज्यादा दे रही है।।

फिल्मी तर्ज भजन = श्याम चूड़ी बेचने आया।

भूखें उठते है भूखे तो सोते नहीं
दुःख आता है हमपे तो रोते नहीं
दिन रात खबर ले रही है
माँ नसीब से ज्यादा दे रही है।।

उसके लाखों दीवाने बड़े से बड़े
उसके चरणों में कंकर के जैसे पड़े
फिर भी आवाज मेरी सुन रही है
माँ नसीब से ज्यादा दे रही है।।

मेरा छोटा सा घर महलों की रानी माँ
मेरी औकात क्या महारानी है माँ
साथ ‘बनवारी’ माँ रह रही है
माँ नसीब से ज्यादा दे रही है।।

ज्यादा कहता मगर कह नहीं पा रहा
आंसू बहता मगर बह नहीं पा रहा
दिल से आवाज ये आ रही है
माँ नसीब से ज्यादा दे रही है।।

बिन पानी के नाव खे रही है
माँ नसीब से ज्यादा दे रही है।।

गायक – Madhuri Madhukar

Bhajan Lyrics in Hindi with Video

भजन लिरिक्स

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