प्यारे प्रीत लगी तेरे संग वे
प्यारे प्रीत लगी तेरे संग वे,
मैनूं चाढ़ दे अपना रंग वे।
1. तू बने दीपक मैं बनां ज्योति, तेरी मेरी प्रीत घनी होती,
रंग चढ़या अंग-अंग वे।
2. दासी तेरी प्रभु अर्ज़ गुजारे, सब कुछ है मेरा तेरे हवाले,
तू वसदा हैं तन-मन वे।
3. मैं बनां चातक तू बूँद स्वाति, सुमिरन तेरा देवे शांति,
छड्डी न मेरा संग वे।
4. तू बने बादल मैं बनां मोरा, तू होव चाँद ते मैं बनां चकोरा।
मेरी प्रीत विच पावीं न भांग वे।
शिव शिव शिव शिव नम: शिवाय
शिव शिव शिव शिव नम: शिवाय,
शम्भु मुरारी नम: शिवाय।
शंकराय शाश्वताय महारूपाय नमो नम:।
सुन्दराय गुणकराय महेश्वराय नमो नम:।।
1 तुम जैसा कोई और न देवा, देवा हर-हर महादेवा।
तेरे चरणों की मिले मुझे सेवा, देवा हर-हर महादेवा।
मेरे रोम-रोम में नम: शिवाय, हर हर हर हर हर महादेवाय।।
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांगरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय।।
नम: शिवाय शिव नम: शिवाय।
2 तेरी शरण में हम सब देवा, देवा हर-हर महादेवा।
तेरे ही गुण गाते देवा, देवा हर-हर महादेवा।
मेरे रोम-रोम में नम: शिवाय, हर हर हर हर हर महादेवाय।।
3 तेरा दर्शन नित करें देवा, देवा हर-हर महादेवा।
दया की दृष्टि डालो देवा, देवा हर-हर महादेवा।
मेरे रोम-रोम में नम: शिवाय, हर हर हर हर हर महादेवाय।।
4 मोह शोक सब हर लो देवा, देवा हर-हर महादेवा।
काम क्रोध सब जल जाये देवा, देवा हर-हर महादेवा।
मेरे रोम-रोम में नम: शिवाय, हर हर हर हर हर महादेवाय।
5 मन में अलख जगा दो देवा, देवा हर-हर महादेवा।
अपना रंग चढ़ा दो देवा, देवा हर-हर महादेवा।
मेरे रोम-रोम में नम: शिवाय, हर हर हर हर हर महादेवाय।।
हो रही है तेरी जै जै कारि
हो रही है तेरी जै जै कारि
देवता आए फुल्ल वरसाए, जै जै कारि
धनि धनि हमारे भाग घरि आइआ पिरु मेरा।।
सोहे बंक दुआर सगला बनु हरा।।
हर हरा सुआमी सुखह गामी अनद मंगल रसु घणा।।
नाउ गरीब निवाजु है बेमुहताज न मोहु मुहाबा॥
सतिगुरु सचा पातिसाहु बेपरवाहु अथाहु सहाबा॥
काइमु दाइमु साहिबी हाजरु नाजरु वेद किताबा॥
नानक आया, नानक आया
नानक आया, नानक आया
नानक आया, नानक आया
साडे तां वेड़े जंज, नानक दी आई ऐ ,
असाँ तां सुणया मुंडा रूप इलाही ऐ,
मुख ते असां डिटठा नहीं, वे लाड़या,
सेहरा हटा के ज़रा बईं!
असां तां सुणया मुंडा जंगलां च रमदा,
साधां दी सेवा नित करके न थकदा,
आपे वी साध ते नहीं, वे लाड़या,
सेहरा हटा के ज़रा बईं!
असां तां सुणया मुंडा रूप है रब दा,
जग दा कम्म कार कोई वी न करदा,
दुनिया नाल किंझ निभणी।
वे लाड़या!
असां तां सुणया मुंडा सच्चे सौदे करदा,
तेरा-तेरा कहके सब कुझ वंडदा,
दुनिया दी रीत ऐ नहीं।
वे लाड़या!
असां तां सुणया ऐहदे चेहरे रोशनाई ऐ,
अखियां च मस्ती जोगीयां जिही आई ऐ,
सानूं वी दरस दईं।
वे लाड़या!
गुरु नानकु जिन सुणिया पेखिआ
गुरु नानकु जिन सुणिया पेखिआ
से फिरि गरभासि न परिया रे।।
मैं मूरख की केतक बात है
कोटि पराधी तरिआ रे।।
कोटि ब्रहमंड को ठाकुरु सुआमी
सरब जीआ का दाता रे।।
प्रतिपालै नित सारि समालै
इकु गुनु नही मूरखि जाता रे।। 1 ।
हरि आराधि न जाना रे।।
हरि गुरु गुरु गुरु करता रे।।
हरि जीउ नामु परिओ रामदासु।। 2 ।
दीन दइआल क्रिपाल सुख सागर
सरब घटा भरपूरी रे।।
पेखत सुनत सदा है संगे
मै मूरख जानिआ दूरी रे।। 3 ।
हरि बिअंतु हउ मिति करि
वरनउ किआ जाना होइ कैसो रे।।
करउ बेनती सतिगुरु अपुने
मै मूरख देहु उपदेसो रे।। 4 ।
प्रभु जी मोरी विनती सुनो
प्रभु जी मोरी विनती सुनो,
निशब्द सी है प्रार्थना, चरणों में ही रखना।
1. अंधियारे जीवन का उजियारा एक हो तुम,
तेरे सहारे जीवन गुजारे सुनो।
2. तुम न सुनोगे तो कौन सुने भगवन,
आस ये मेरी, प्यास ये मेरी सुनो।
3. अन्तर्यामी हो, सृष्टि के स्वामी हो तुम,
दरश दिखा दो, प्यास बुझा दो सुनो।
गुरुदेव दया कर दो मुझ पर, मुझे अपनी शरण में रहने दो
गुरुदेव दया कर दो मुझ पर, मुझे अपनी शरण में रहने दो,
इस ज्ञान के सागर में स्वामी, मुझे निर्मल गागर भरने दो।
1. तुम्हरी शरण में जो कोई आया, पार हुआ वो इक पल में,
इस दर पे हम भी आये हैं, इस दर पे गुजारा करने दो।
2. सिर पर छाया घोर अँधेरा, सूझत नहीं राह कोई,
ये नैन मेरे और ज्योति तेरी, इन नैनों को भी बहने दो।
3. चाहे डुबो दो चाहे तरा दो, मर भी गए तो देंगे दुआ,
ये नाव मेरी और हाथ तेरे, मुझे भव सागर से तरने दो।
तेरे जैसा कौन है, सतगुरु हर आँख में तेरा नूर है
तेरे जैसा कौन है, सतगुरु हर आँख में तेरा नूर है,
नज़रों से रहकर दूर भी, किसी दिल से तू नहीं दूर है।
1. तेरा सच्चिदानंद रूप है, दर्पण में तूने दिखा दिया,
तेरे दर पे मैं फ़क़ीर था, तूने क्या से क्या बना दिया,
तेरे हाथों से जो पिया है, उसी जाम का सरूर है।
2. तेरे नाम से ही बहार है, आबाद है मेरी ज़िन्दगी,
हर श्वास में तेरी याद है, तेरी याद है मेरी बंदगी,
मैं तेरी तू मेरा है, यही प्यार का दस्तूर है।
3. अब मंजिलों की चाह नहीं, लहरों में साहिल मिल गया,
किसी बात का अब गम नहीं, जीना मुखे है सीखा दिया,
चाहे गम दे या खुशी, मुझे सब तेरा मंजूर है।