गुरु कितना दे उपदेश मूरख थारे एक नहीं लागे भजन लिरिक्स
गुरु कितना दे उपदेश मूरख थारे एक नहीं लागे भजन लिरिक्स, guru kitna de updesh bhajan lyrics, nirguni bhajan lyrics गुरु कितना दे उपदेश गुरु कितना दे उपदेश ,मूरख थारे एक नहीं लागे।एक नहीं लागे रे मूरख थारे ,एक नहीं लागे।गुरु कितना दे उपदेश ,मूरख थारे एक नहीं लागे। सूखा लकड़ा ने घणो घणो पियो …