मैं वारी जाऊं सदगुरु की
मैं वारी जाऊं सदगुरु की,
जिन लायी राम स्यों यारी।
1. मन तो पापी भागता जाये, क्षणभंगुर से यारी लगाये।
मैं वारी जाऊं सदगुरु की, जिन काटी है मन की उडारी।।
2. सदगुरु दाता मेरा दयालु, भक्तों पर वह ही कृपालु।
मैं वारी जाऊं सदगुरु की, जिन निरगुण अपनी बना ली।।
3. ऐसी अरज़ है सुनो जी दाता, दिने राती तेरा ध्यान हो दाता।
मैं वारी जाऊं सदगुरु की, जिन रंग दीनी मोहे सारी।।
Main Vaari Jaun Sadguru Ki
main vaaree jaaoon sadguru kee,
jin laayee raam syon yaaree.
1. Man to paapee bhaagtaa jaaye, kṣhaṇbhangur se yaaree lagaaye. Main vaaree jaaoon sadguru kee, jin kaaṭee hai man kee uḍaaree..
2. Sadguru daataa meraa dayaalu, bhakton par vah hee kripaalu. Main vaaree jaaoon sadguru kee, jin nirguṇa apnee banaa lee..
3. Aisee araz hai suno jee daataa, dine raatee teraa dhyaan ho daataa. Main vaaree jaaoon sadguru kee, jin rang deenee mohe saaree..
If You Love Your Mamma
If you love your mamma
Mamma loves you too
1. Cause love is that
It binds us all
If you are short
Or you are tall
2. Cause love is light
It shines that bright
It makes you shine
and it defines
3. You are divine
and very fine
be very sure
our love is true
be always sure
बड़ा सुख देती है, मेरे सतगुरु की वाणी।
बड़ा सुख देती है, मेरे सतगुरु की वाणी।
मन हर लेती है, मेरे सतगुरु की वाणी।
1. ध्यान से सुने जो, पट अंदर के है खोल देती,
प्रेम से सुने जो, निज ध्यान में पहुँचा है देती,
समझो तो, सोचो तो, ये तो तेरी कहानी है।
2. पढ़ने से इसके हो बेड़ा पार,
सुनने से आये सुंदर विचार,
जादू कर देती है, मेरे सतगुरु की वाणी।
3. फुरमाई मेरे सतगुरु, ये मुक्ति दिलाने आई,
सम्बंध मूल का था, निज ज्ञान बताने आई,
समझो तो, सोचो तो, ये तो अपनी कहानी है।
मेरे सतगुरु की वाणी।
Bada Sukh Deti Hain Mere Satgur Ki Bani
badaa sukh detee hai, mere satguru kee vaaṇaee. Man har letee hai, mere sataguru kee vaaṇaee.
1. Dhyaan se sune jo, paṭ andar ke hai khol detee,
prem se sune jo, nij dhyaan men pahunchaa hai detee,
samajho to, socho to, ye to teree kahaanee hai.
2. Paḍhne se iske ho bedaa paar,
sunane se aaye sundar vichaar,
jaadoo kar detee hai, mere satguru kee vaaṇee.
3. Furamaaii mere satguru, ye mukti dilaane aaii,
sambandh mool kaa thaa, nij gyaan bataane aaii,
samajho to, socho to, ye to apanee kahaanee hai. Mere satguru kee vaaṇaee.
जय शिव शंकर, हे प्रलयंकर, भवानी शंकर तुझे प्रणाम।
जय शिव शंकर, हे प्रलयंकर, भवानी शंकर तुझे प्रणाम।
विश्वेश्वर है तुझे प्रणाम, सर्वेश्वर है तुझे प्रणाम।
1. तू ही सत-चित-आनंद है, तू ही मेरा आतम है,
तू ही जग में छाया है, दुनिया तेरी माया है।
जय शिव शंकर, हे प्रलयंकर – – –
निराकार ओंकार मूलं तुरीयं,
गिराज्ञान गोतीत मीशं गिरीशं।
2. सदगुरू दाता तू ही है, ज्ञान प्रदाता तू ही है,
तुझसे तुझको पायें हम, अपना भेद मिटायें हम।
जय शिव शंकर, हे प्रलयंकर – – –
3. तेरी कृपा में भीगें हम, भीग भीग कर तर जायें हम,
तुझमें मनवा खो जाये, तेरा ही बस हो जाये।
जय शिव शंकर, हे प्रलयंकर – – –
जाहर पीरु जगत गुर बाबा। ।
जाहर पीरु जगत गुर बाबा। ।
गंग बनारस हिंदूआ, मुसलमाणा मका काबा।
घरि घरि बाबा गावीऐ, वजनि ताल म्रिदंगु रबाबा।
भगति वछलि होइ आइआ, पतित उधारणु, अजबु अजबा।
चारि वरन इक वरन होइ, साध संगत मिलि होइ तराबा।
चनदनु वासु वणासपति, अवलि दोम न सेम खराबा।
हुकमै अंदरि सभ को, कुदरति किस दी करै जवाबा।
ये इश्क़ इश्क़ मौला
ये इश्क़ इश्क़ मौला
ये है इश्क़ इश्क़ मौला।
1. मेरी मोहब्बत तू, मेरी इबादत भी तू,
मेरी हसरत भी तू, दिल की है चाहत भी तू,
दिल में है जानेमन तू ही तू।
2. तुझको ही चाहूँ मैं, तुझको पुकारा करूँ,
तुझको ही मानूँ मैं, तेरी ही पूजा करूँ,
मेरी सब यादों में तू ही तू।
3. तेरी दीवानी हूँ, दुनिया से अंजानी हूँ,
तूने जो है लिखी, वैसी ही एक कहानी हूँ,
रूह में मेरे है तू ही तू।
गुरुदेव के ब्रह्मज्ञान ने दीवाना कर दिया
गुरुदेव के ब्रह्मज्ञान ने दीवाना कर दिया,
दीवाना कर दिया, मस्ताना कर दिया,
हमने जो अपना माना था, बेगाना कर दिया।
1. जन्मों के देहाध्यास की जो धुनि समाई थी,
ममता मिटा स्वरुप में मस्ताना कर दिया।
2. ऐसा दिया उपदेश की तुम निज आनंद हो,
हर ताल में सोऽहं का तराना भर दिया।
3. जकड़े थे हम जगत में मोह की जंजीरों से,
शमा जल के दिल मेरा परवाना कर दिया।
चलती चक्की देख दिया मैं रोय है
चलती चक्की देख दिया मैं रोय है,
पीस गया संसार बचा न कोय है।
अधबीचे में पड़ा कोउ ना नीर बहा, अरे हो पलटू!
बचेगा कोई संत जो खूटे लग रहा।
1. माया और बैराग दोउ में बैर है,
लिए कुल्हारी हाथ मारता पैर है,
किया चाहे बैराग माया में जायेगा, अरे हो पलटू!
जो कोई माहुर खाए हाय मर जाएगा।
2. केतक युग गए बीत माया के फेरते,
छाला पड़ गई जीभ राम के टेरते,
माला दीजे डार मने को फेरना, अरे हो पलटू!
करके साचा प्यार प्रभु को घेरना।
3. सुपना ये संसार लागता आई के,
चले जुआ में हार मानुष तन पाई के,
देखत सोना लगे सकल जग कांच है, अरे हो पलटू!
जीवन कहिये झूठ तो मरना साँच है।
4. आसान दृढ़ होए रहे जगत से हारना,
निद्रा बस में करे भूख को मारना,
काम क्रोध को मार आप को खोवना, अरे हो पलटू!
पाँव पसारे यार मौज से सोवना।