।। दोहा ।।
जननी जणे तो ऐसा जने, कई महाराणा प्रताप।
अकबर सुतो यो जगे , भाई ज्यू सिराणे साप।
नीले घोड़े रा असवार ,
म्हारा मेवाड़ी सरदार ,
राणा सुणता ही जा ज्यो जी ।
राणा थारी धाकल सुण ने ,
अकबर धुज्यो जाय।
हल्दी घाटी रंगी खून सु ,
नालो बेहतो जाय।
चाली मेवाड़ी तलवार ,
वेग्या हुना रा खेतार।
राणा सुणता ही जा ज्यो जी ,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जा ज्यो जी
नीले घोड़े। …..
चेतक चढ़ ग्यो हाथी पर और ,
मान सिंह घबराई।
भालो फेक्यों महाराणा जद ,
ओ दो टुट्यो जाय।
रण में घमासान मचवाय ,
बेरी रण सु भाग्या जाय।
राणा सुणता ही जा ज्यो जी ,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जा ज्यो जी
नीले घोड़े। …..
जालो ग्यो स्वर्गा रे माई ,
पाताल लहू लुहान।
चेतक तन सु बहे पना ,
करतब बरनियो ना जाय।
माने जीवन सु नहीं प्यार ,
माने मरणो है एक बार।
राणा सुणता ही जा ज्यो जी ,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जा ज्यो जी
नीले घोड़े। …..
शक्ति सिंह री गर्दन झुक गई ,
पड़ियो पगा में आई।
प्यार जुम ग्यो गले लूम ग्यो ,
वचन ने मुंडे आय।
दोनों आसूडा ढळकाय ,
मारी बाहा कुण छुडवाय।
राणा सुणता ही जा ज्यो जी ,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जा ज्यो जी
नीले घोड़े। …..
नीले घोड़े रा असवार म्हारा मेवाड़ी सरदार भजन mewadi rana sunta ja jo ji neele ghode ra aswar anil nagori bhajan